हिंदुओं में अभी उदारता का ज्वार उमड़ पड़ा है, प्रगतिशीलता का भी. वे औरतों को हर परदे, हर बंधन से आज़ाद देखना चाहते हैं. वे कट्टरता के ख़िलाफ़ लड़ना चाहते हैं. लेकिन यह सब वे मुसलमान औरतों के लिए करना चाहते हैं. क्योंकि हिंदू औरतों को तो न कट्टरता और न धर्म के किसी बंधन का कभी शिकार होना होता है!
कर्नाटक हाईकोर्ट में उडुपी के याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए एक वकील ने बताया कि शिक्षिकाओं को भी अपना ‘हेडस्कार्फ़’ हटाने को कहा गया है. इस पर अदालत ने कहा कि उसका हिजाब से संबंधित अंतरिम आदेश केवल विद्यार्थियों तक ही सीमित है.
हिजाब विवाद को लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वाली याचिकाकर्ताओं में से एक हाज़रा शिफ़ा ने आरोप लगाया है कि भीड़ ने उनके भाई पर हमला किया और उनकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया. इस संबंध में मालपे पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है.
कर्नाटक के विभिन्न ज़िलों में लड़कियों के हिजाब पहनकर कॉलेज जाने का मामला सामने आया है. कई कॉलेजों में प्रवेश न देने की वजह से छात्राओं ने प्रदर्शन भी किया. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने इस समस्या के लिए ‘बाहरी’ लोगों को ज़िम्मेदार ठहराते हुए दावा किया कि इस मुद्दे को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा.
कर्नाटक के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने बताया है कि हर दिन मीडिया में आ रहीं ख़बरों में हिजाब पर रोक के चलते घर वापस भेजी गईं छात्राओं की संख्या अलग-अलग बताई जा रही है. हमारा उद्देश्य यह देखना है कि क्या विद्यार्थी वास्तव में इस मुद्दे से प्रभावित हैं या पढ़ाई पर ध्यान दे रहे हैं.
कर्नाटक के विभिन्न स्कूल-कॉलेजों में हिजाब को प्रतिबंधित करने को लेकर चल रहे विवाद और अदालती बहस के बीच मुस्लिम छात्राओं का कहना है कि राजनीतिक दबाव के चलते इस तरह की पाबंदियां लगाई गई हैं.
कर्नाटक सरकार द्वारा हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा गया है कि अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अंतर्गत आने वाले स्कूलों और कॉलेजों और मौलाना आजाद मॉडल इंग्लिश मीडियम स्कूलों में भगवा शॉल, स्कार्फ, हिजाब पहनना या कोई अन्य धार्मिक झंडे को रखना प्रतिबंधित है.
मांड्या में अपने कॉलेज के पास रास्ता रोके जाने और नारे लगाकर परेशान करने वाली भीड़ का सामना करने वाली छात्रा मुस्कान ख़ान का कहना है कि वह अपने हिजाब पहनने के हक़ की लड़ाई लड़ रही हैं.
भाजपा की कर्नाटक इकाई ने अंग्रेजी और कन्नड़ भाषाओं में ट्वीट कर हिजाब के विरोध में अदालत में याचिकाएं दायर करने वाली छात्राओं की निजी जानकारी साझा कर दी थी, जिसमें छात्राओं के नाम, उनके पते और उनके परिजनों के नाम सहित उनकी निजी जानकारियां शामिल थीं. हालांकि विवाद के बाद इन्हें ट्विटर से हटा दिया गया.
कर्नाटक में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने को लेकर जारी विवाद के ख़िलाफ़ विरोध जताते हुए मंगलवार को आगरा में विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने भगवा वस्त्र पहनकर हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए ताजमहल परिसर में घुसने का प्रयास किया. पुलिस ने उन्हें चुनाव आचार संहिता और धारा 144 लगने की वजह से बीच रास्ते में ही रोक लिया. बाद में विरोध स्वरूप कार्यकर्ताओं ने थाना हरीपर्वत में हनुमान चालीसा का पाठ किया.
कर्नाटक में बीते कई दिनों से मुस्लिम छात्राओं के स्कूल-कॉलेजों में हिजाब पहनने को लेकर विवाद है, जिस पर हाईकोर्ट में सुनवाई भी चल रही है. इसे लेकर अमेरिकी सरकार के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता मामले के राजदूत ने टिप्पणी पर भारत ने कहा कि देश के आंतरिक मामलों पर किसी अन्य मक़सद से प्रेरित टिप्पणियां स्वीकार्य नहीं है.
एक हज़ार से अधिक नारीवादियों, लोकतांत्रिक समूहों, शिक्षाविदों, वकीलों और समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों ने कैंपस में हिजाब पहनने वाली मुस्लिम छात्राओं को निशाना बनाने की घटना की निंदा करते हुए इसे मुस्लिम युवतियों के साथ भेदभाव का नवीनतम बहाना क़रार दिया.
कर्नाटक के कॉलेज में पिछले महीने से हिजाब पहनने को लेकर मचे विवाद से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कक्षाओं में हिजाब और भगवा शॉल नहीं ले जाने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार करते हुए कहा कि वह प्रत्येक नागरिक के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करेगा और हाईकोर्ट के उस निर्देश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर ‘उचित समय’ पर विचार करेगा.
कर्नाटक में जो भगवाधारी युवकों-युवतियों की हिंसक और नफ़रतबुझी भीड़ दिख रही है, उसे क्षणिक मानकर निश्चिंत हो जाना ख़तरनाक है. जो इन्हें इकट्ठा कर रहे हैं, वे इन्हें बस एक मौक़े के लिए इस्तेमाल नहीं करेंगे.
किसी भी प्रबंधन को अपनी संस्था के नियम-क़ायदे तय करने का अधिकार है, लेकिन कोई भी नीति-नियम संविधान के दायरे में ही हो सकता है और धार्मिक स्वतंत्रता और शिक्षा के संवैधानिक अधिकार के रास्ते में नहीं आ सकता.