संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में यूरोपीय संघ के देशों द्वारा लाए गए प्रस्ताव में रूस में मानवाधिकार उल्लंघनों पर निगरानी रखने के लिए एक स्वतंत्र विशेषज्ञ की नियुक्ति की बात कही गई थी.
सुप्रीम कोर्ट उन छात्रों द्वारा दायर विभिन्न याचिकाओं की सुनवाई कर रहा है, जो विदेशी मेडिकल विश्वविद्यालयों में पहले से चौथे वर्ष के छात्र हैं और भारत के मेडिकल कॉलेजों में स्थानांतरण की मांग कर रहे हैं. अदालत में दायर हलफ़नामे में केंद्र ने कहा कि राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग ने इसके लिए अनुमति नहीं दी है.
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने यूक्रेन के अकादमिक गतिशीलता कार्यक्रम को मान्यता देने पर सहमति जताते हुए कहा है कि वहां से वापस लौटे भारतीय मेडिकल छात्र अब दूसरे देशों के विश्वविद्यालयों में दाखिला लेकर अपनी पढ़ाई पूरी कर सकेंगे. हालांकि उन्हें डिग्री यूक्रेन के मूल विश्वविद्यालय द्वारा ही दी जाएगी.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने भारत, जर्मनी, चेक रिपब्लिक, नॉर्वे और हंगरी में अपने राजदूतों को हटाने की घोषणा की है, लेकिन इसका कोई कारण नहीं बताया है. उन्होंने अपने राजनयिकों से यूक्रेन के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन और सैन्य सहायता जुटाने का आग्रह भी किया है.
युद्धग्रस्त यूक्रेन से लौटे इन भारतीय मेडिकल छात्रों ने दाख़िले की मांग पर राजधानी दिल्ली के जंतर मंतर में भूख हड़ताल कर कहा कि एमबीबीएस अंतिम वर्ष में छात्रों को छोड़कर उनकी संख्या लगभग 12,000 है और देश में कम से कम 600 मेडिकल कॉलेज हैं, इसलिए प्रत्येक संस्थान को केवल 20 छात्रों को अपने यहां समायोजित करने की ज़रूरत है. इस संबंध में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखा है.
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी की ओर से कहा गया कि संघर्ष, हिंसा, मानवाधिकारों के उल्लंघन और उत्पीड़न से बचने के लिए दुनियाभर में 10 करोड़ से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं. यह एक ऐसा रिकॉर्ड है, जो कभी बनना ही नहीं चाहिए था. इस प्रवृत्ति को उलटने का एकमात्र उपाय शांति और स्थिरता ही है, ताकि निर्दोष लोगों को घर पर गंभीर ख़तरे से जूझने या अनिश्चिततापूर्ण पलायन व निर्वासन के बीच चुनने के लिए मजबूर न होना पड़े.
यूक्रेन के लुहान्स्क प्रांत के गवर्नर ने बताया कि इस स्कूल में बने तहखाने में क़रीब 90 लोगों ने शरण ले रखी थी. आपात सेवा कर्मचारियों को दो शव बरामद हुए हैं और 30 लोगों को उन्होंने वहां से निकाला है, लेकिन मलबे में दबे अन्य 60 लोगों के मारे जाने की आशंका है.
संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी के मुताबिक, 24 फरवरी को रूसी आक्रमण शुरू होने के बाद से यूक्रेन के भीतर 70 लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं. संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि 50 लाख लोगों का पलायन दूसरे विश्व युद्ध के बाद से यूरोप के सबसे बड़े शरणार्थी संकट में एक ताज़ा और चौंकाने वाला उदाहरण है.
कीव में क्षेत्रीय पुलिस बल ने दावा किया कि रूसी सेना की वापसी के बाद कीव इलाके में 900 से अधिक नागरिकों के शव बरामद किए गए हैं. मलबे के नीचे और सामूहिक कब्रों में हर दिन शव मिल रहे हैं. बुचा में लोग सबसे ज्यादा पीड़ित हुए, जहां 350 से अधिक शव मिले हैं. वहीं, रूस के रक्षा मंत्रालय ने यूक्रेन के रूसी क्षेत्र पर दावों के जवाब में कीव पर मिसाइल हमलों को बढ़ाने की बात कही है.
शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त द्वारा रविवार को अपने पोर्टल पर अपडेट की गई जानकारी के मुताबिक़, 24 फरवरी से अब तक 45.04 लाख लोग यूक्रेन छोड़ चुके हैं.
रूसी सैनिकों द्वारा यूक्रेन के बुचा शहर में की गई नागरिकों की हत्याओं की तस्वीरें एवं वीडियो सामने आने के बाद अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने 47 सदस्यीय मानवाधिकार परिषद से रूस को निलंबित करने का अभियान शुरू किया था. रूस के ख़िलाफ़ वोटिंग में मौजूद नहीं रहने पर संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि यदि भारत ने कोई पक्ष लिया है तो वह है शांति और हिंसा को तत्काल समाप्त करना है.
रूस के अपने सैनिकों को पीछे हटाने के बाद यूक्रेन के अधिकारियों ने आरोप लगाया कि रूसी सेना ने उसके क्षेत्रों में युद्ध अपराधों को अंजाम दिया है. हालांकि रूसी रक्षा मंत्रालय ने इन आरोपों को खारिज़ किया है. यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय अभियोजकों और न्यायाधीशों की मदद से इसकी जांच के लिए एक विशेष न्याय तंत्र बनाया जाएगा.
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भारत के दो दिवसीय दौरे पर थे. उन्होंने भारत को तेल, सैन्य साजो-सामान और अन्य वस्तुओं की ज़रूरतों को भी पूरा करने का वादा किया. इससे पहले अमेरिका ने यूक्रेन पर रूस के हमले के मद्देनज़र उस पर लगाए गए पश्चिमी प्रतिबंधों को दरकिनार करने के लिए ख़ामियाजा भुगतने की चेतावनी दी थी.
अमेरिकी वाणिज्य मंत्री जिना रायमोंडो ने वॉशिंगटन में ऑस्ट्रेलिया के वाणिज्य मंत्री के साथ बुधवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह टिप्पणी की. ऐसी रिपोर्ट है कि भारत अमेरिकी प्रतिबंधों को दरकिनार करते हुए रूस से सस्ती दरों पर कच्चे तेल की ख़रीद के लिए मॉस्को की एक भुगतान प्रणाली अपनाने पर विचार कर रहा है.
युद्ध के कारण यूक्रेन में उत्पन्न मानवीय संकट की स्थिति को लेकर यूक्रेन और उसके सहयोगी देशों द्वारा लाए गए प्रस्ताव पर भारत संयुक्त राष्ट्र महासभा में अनुपस्थित रहा. यूक्रेन में रूसी आक्रमण पर भारत इससे पहले सुरक्षा परिषद में दो मौकों और महासभा में एक बार प्रस्तावों पर मतदान के समय अनुपस्थित रहा था.