द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
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ये विवादास्पद ग़ैर न्यायिक हत्याएं 1998 और 2001 के बीच असम में तब हुई थीं, जब प्रफुल्ल कुमार महंत राज्य के मुख्यमंत्री थे और गृह विभाग भी संभाल रहे थे. इन हत्याओं को गुप्त हत्या के नाम से जाना जाता है. इनमें प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन उल्फा से जुड़े लोगों के रिश्तेदारों सहित क़रीबी सहयोगियों को गोली मार दी जाती थी.
19 वर्षीय बर्षाश्री बुरागोहेन को सोशल मीडिया पर राष्ट्र विरोधी कविता पोस्ट करने के आरोप में बीते 18 मई को असम के गोलाघाट ज़िले से गिरफ़्तार किया गया था. छात्रा ने कथित तौर पर उग्रवादी संगठन उल्फा (आई) से जुड़ने की भी इच्छा ज़ाहिर की थी. कांग्रेस समेत विपक्ष दलों ने उनकी गिरफ़्तारी को लेकर असम सरकार की आलोचना की है. कांग्रेस ने सवाल किया कि उल्फा से माफ़ी मांगने वाले मंत्री संजय किशन और गायक ज़ुबीन गर्ग के ख़िलाफ़
परेश बरुआ के नेतृत्व वाले उग्रवादी संगठन उल्फा (आई) ने कहा कि कोविड-19 की स्थिति के मद्देनज़र वह बंद या गणतंत्र दिवस समारोह के बहिष्कार का आह्वान नहीं करेगा. हालांकि बरुआ ने ऐसे समय में पांच-दिवसीय कार्यक्रम के साथ गणतंत्र दिवस समारोह मनाने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की.
प्रतिबंधित होने से पहले उल्फा के ब्रिटेन से मदद मांगने का खुलासा ब्रिटेन के नेशनल आर्काइव्स द्वारा कुछ गोपनीय दस्तावेजों को हाल में सार्वजनिक किए जाने के बाद हुआ है. उल्फा के तत्कालीन तीन शीर्ष नेताओं से मुलाकात के बाद बांग्लादेश में ब्रिटिश राजनयिक डेविड ऑस्टिन ने एक पत्र लिख ब्रिटेन को बताया था कि उल्फा इजरायल से प्रभावित है.
बोडो शांति समझौते पर हस्ताक्षर होने के एक दिन बाद असम के वरिष्ठ मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने उल्फा (आई) गुट के नेता परेश बरुआ से बातचीत के लिए आगे आने की अपील की. वहीं, उल्फा-आई के प्रमुख परेश बरुआ ने कहा कि यदि हम एक संप्रभु और स्वतंत्र असम के बारे में चर्चा करने और इस मुद्दे पर निष्कर्ष पर आने में सक्षम हैं, तो हम निश्चित रूप से इस तरह के एक समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे.
इसी साल अप्रैल महीने में आफस्पा क़ानून को तीन जिलों से आंशिक रूप से हटा दिया गया था. हालांकि, तिराप, चांगलांग और लोंगडिंग जिलों के साथ कुछ थाना क्षेत्रों में इसे 30 सितंबर तक लागू रखने का फैसला किया था, जिसे अब 31 मार्च, 2020 तक बढ़ा दिया.
पुलिस ने बताया कि शिवसागर ज़िले के गन्यानदीप गोगोई को प्रतिबंधित संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट (इंडिपेंडेंट) के समर्थन में पोस्ट करने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया है.
फरवरी 1987 में प्रदेश के गठन के साथ ही वहां लागू विवादित आफस्पा क़ानून को 32 साल बाद पश्चिम कामेंग, पूर्वी कामेंग और पापुमपारे ज़िला से हटाने का फ़ैसला लिया गया है.
इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में मेघालय, असम, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, नगालैंड और मणिपुर के प्रमुख समाचार.
इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में सिक्किम, असम, मेघालय, नगालैंड, मिज़ोरम और मेघालय के प्रमुख समाचार.
इस महीने असम के मुख्यमंत्री के रूप में एक साल पूरे करने जा रहे सर्बानंद सोनोवाल का कहना है कि एक सुदृढ़ शासन व्यवस्था बनाने के लिए जनता की आवाज़ को भी सुना जाना ज़रूरी है.