Uma Bharti

राम-हनुमान के नाम या हिंदू धर्म पर भाजपा का पेटेंट नहीं है: उमा भारती

भाजपा नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने एक बयान में कहा है कि कोई भी व्यक्ति राम, हनुमान या हिंदू धर्म पर आस्था रखता है या रख सकता है, अंतर सिर्फ़ इतना है कि इन पर हमारी आस्था राजनीतिक लाभ-हानि से परे होती है.

भाजपा वोट मांगने के लिए मेरे नाम का इस्तेमाल करती है, मेरा फोटो देखकर वोट मत देना: उमा भारती

लोधी समाज से ताल्लुक रखने वालीं भाजपा की वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने समाज के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि मैंने भाजपा नहीं छोड़ी थी, मुझे निकाला गया था. मुझसे सरकार बनवाने के बाद पार्टी से बाहर करने की योजना पहले से ही बनी हुई थी क्योंकि यहां सरकार बनाने की औकात किसी की नहीं थी.

छह दिसंबर: अपराध और अन्याय की जीत

वीडियो: 400 साल पुरानी बाबरी मस्जिद का विध्वंस देश की राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण बिंदु रहा है. इस विध्वंस के तीस साल पूरे होने पर इस बारे में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद से चर्चा कर रहे हैं द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन. 

बाबरी विध्वंस: आडवाणी व अन्य के बरी होने के ख़िलाफ़ याचिका पर सुनवाई को लेकर आदेश सुरक्षित

बाबरी मस्जिद ढांचा ढहाए जाने के मामले में आरोपी बनाए गए पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा तथा बजरंग दल संस्थापक विनय कटियार समेत 32 लोगों को विशेष सीबीआई अदालत ने 30 सितंबर 2020 को बरी कर दिया था.

मध्य प्रदेश: भाजपा-संघ के राज में राज्य का संस्कृति विभाग नैतिक और कलात्मक पतन की राह पर है

विशेष: बीते दस सालों में मध्य प्रदेश के संस्कृति संचालनालय पर भ्रष्टाचार और मुट्ठीभर कंपनियों और कलाकारों के प्रति पक्षपाती होने के आरोप लगे हैं. द वायर की पड़ताल.

एमपी: उमा भारती ने शराबबंदी के लिए भोपाल में शराब की दुकान पर फेंका पत्थर

मध्य प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी की मांग कर रहीं भाजपा नेता उमा भारती भोपाल के आज़ाद नगर स्थित एक शराब की दुकान में घुसीं और पूरी ताकत के साथ पत्थर फेंककर वहां रैक में रखी शराब की कुछ बोतलों को फोड़ दिया. भाजपा ने उनकी कार्रवाई से ख़ुद को दूर कर लिया हैं. पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि यह उनका निजी अभियान है, जो वह राज्य में शराबबंदी के लिए चला रही हैं.

उत्तर प्रदेश: पृथक बुंदेलखंड की मांग चुनावी मुद्दा क्यों नहीं बन पाती है

उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के 13 ज़िलों में फैले बुंदेलखंड को पृथक राज्य बनाने की मांग क़रीब 65 वर्ष पुरानी है. नब्बे के दशक में इसने आंदोलन का रूप भी लिया, समय-समय पर नेताओं ने इसके सहारे वोट भी मांगे लेकिन अब यह मतदाताओं को प्रभावित कर सकने वाला मुद्दा नहीं रह गया है.

यूपी: उमा भारती द्वारा गोद लेने के बावजूद पहुज नदी की स्थिति बद से बदतर क्यों होती चली गई

ग्राउंड रिपोर्ट: साल 2014 में तत्कालीन केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने सांसद ग्राम योजना की तर्ज पर अपने संसदीय क्षेत्र झांसी की पहुज नदी को गोद लेते हुए इसके संरक्षण का बीड़ा उठाया था, लेकिन आज वही पहुज नदी बांध निर्माण, प्रदूषण व अतिक्रमण के चलते अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है.

बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद का क़ानूनी पटाक्षेप अंत नहीं महज़ शुरुआत था…

अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद जिन सदाशयी लोगों को लगता था कि इसके बहाने होने वाले सांप्रदायिक विद्वेष की बला अब उनके सिर से हमेशा के लिए टल जाएगी, उसका राजनीतिक दुरुपयोग बंद हो जाएगा, देश-प्रदेश का राजनीतिक नेतृत्व उनकी भोली उम्मीदों पर पानी फेरने को तैयार है.

यूपी: बाबरी मस्जिद मामले में सभी आरोपियों को बरी करने वाले जज को उप-लोकायुक्त बनाया

सुरेंद्र कुमार यादव ने 30 सितंबर 2020 को सीबीआई के विशेष जज के तौर पर सुनाए फैसले में 1992 बाबरी विध्वंस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती व कल्याण सिंह समेत सभी आरोपियों को बरी किया था. अब राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उन्हें प्रदेश का तीसरा उप लोकायुक्त नियुक्त किया है.

आय प्रभावित होने के चलते पर्यावरणीय प्रवाह क़ानून कमज़ोर करने को प्रयासरत है विद्युत मंत्रालय

2018 में मोदी सरकार ने गंगा की ऊपरी धाराओं पर बनी पनबिजली परियोजनाओं के लिए 20-30 फीसदी पानी छोड़ना अनिवार्य बताया था. आधिकारिक दस्तावेज़ दर्शाते हैं कि कमाई पर असर पड़ने के चलते विद्युत मंत्रालय ने मौजूदा व निर्माणाधीन परियोजनाओं में इसे लागू करने से छूट दिए जाने की बात कही थी.

उत्तराखंड: 2019 में पीएमओ ने पनबिजली परियोजनाओं के लिए बनाए थे कड़े नियम, राज्य सरकार को थी आपत्ति

दस्तावेज़ों से पता चलता है कि 25 फरवरी 2019 को हुई पीएमओ की एक बैठक में किसी भी नई पनबिजली परियोजना को मंज़ूरी देने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया था. इसके साथ ही ऐसे प्रोजेक्ट्स को रोक दिया गया जिनका निर्माण कार्य आधे से कम हुआ था.

2019 में केंद्र की समिति ने बताया था कि फायदे के लिए पनबिजली प्रोजेक्ट गंगा में पानी नहीं छोड़ते

विशेष रिपोर्ट: मोदी सरकार ने अक्टूबर 2018 में एक नोटिफिकेशन जारी किया था कि गंगा की ऊपरी धाराओं यानी कि देवप्रयाग से हरिद्वार तक बनी सभी पनबिजली परियोजनाओं को अलग-अलग सीजन में 20 से 30 फीसदी पानी छोड़ना होगा. आरोप है कि ऐसी परियोजनाएं बहुत कम मात्रा में पानी छोड़ते हैं, जिससे नदी के स्वास्थ्य पर काफी बुरा प्रभाव पड़ रहा है.

उत्तराखंड सरकार ने पनबिजली परियोजनाओं द्वारा कम पानी छोड़ने की वकालत की थी

विशेष रिपोर्ट: उत्तराखंड में आई भीषण तबाही के बाद राज्य की भाजपा सरकार ने दावा किया है कि वह समस्या का समाधान करने के लिए सभी ज़रूरी क़दम उठा रहे हैं. हालांकि आधिकारिक दस्तावेज़ दर्शाते हैं कि राज्य सरकार ने केंद्र को पत्र लिखकर कहा था कि पनबिजली परियोजनाओं द्वारा पानी छोड़ने के प्रावधान में ढील दी जानी चाहिए.

Allahabad: Workers construct a pontoon bridge over River Ganga for the upcoming Kumbh Mela 2019, in Allahabad, Friday, Nov. 30, 2018. (PTI Photo) (PTI11_30_2018_000045)

गंगा की अविरलता के लिए घोषित पर्यावरण प्रवाह पर पर्याप्त विचार-विमर्श नहीं हुआ: दस्तावेज़

2018 में मोदी सरकार द्वारा लाए एक क़ानून के तहत गंगा पर बनी जलविद्युत परियोजनाओं को अलग-अलग सीज़न में 20 से 30 फीसदी पानी छोड़ने की बात कही गई थी. दस्तावेज़ दिखाते हैं कि जिस समिति ने ज़्यादा पानी छोड़ने की सिफारिश की थी, उसकी रिपोर्ट केंद्रीय मंत्री की सहमति के बावजूद लागू नहीं की गई.