आईएमएफ के प्रवक्ता गैरी राइस ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा इस महीने पेश किए गए बजट के बारे में पूछे जाने पर कहा कि भारत की आर्थिक परिस्थितियां आईएमएफ के पहले के पूर्वानुमानों की तुलना में कमजोर हैं.
आईएमएफ के ताजा अनुमान के अनुसार 2019-20 में वैश्विक वृद्धि दर 2.9 प्रतिशत रहेगी. जबकि 2020 में इसमें थोड़ा सुधार आयेगा और यह 3.3 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी. उसके बाद 2021 में 3.4 प्रतिशत रहेगी.
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने कहा कि आर्थिक वृद्धि के अनुमान में जो कमी की गई है, वह कुछ उभरते बाजारों में खासकर भारत में आर्थिक गतिविधियों को लेकर अचंभित करने वाली नकारात्मक बातें हैं. कुछ मामलों में यह आकलन सामाजिक असंतोष के प्रभाव को भी दिखाता करता है.
साल 2019 में संयुक्त राष्ट्र ने ये अनुमान जताया था कि चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.9 फीसदी रह सकती है.
स्वेच्छा से खुद के चुने हुए लोगों से मिलने की इच्छा रखने के कारण यूरोपीय संघ के राजनयिकों ने जम्मू कश्मीर का यह दौरा टाल दिया. वे राज्य के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों फारुक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती से भी मुलाकात करना चाहते हैं, जो 5 अगस्त को राज्य का विशेष दर्जा समाप्त होने के बाद से ही हिरासत में हैं.
नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, सतत विकास लक्ष्यों के इस साल के सूचकांक में बिहार, झारखंड और अरुणाचल प्रदेश का प्रदर्शन सबसे ख़राब रहा. यह भी कहा गया है कि पोषण और स्त्री-पुरुष असमानता देश के लिए समस्या बनी हुई है.
जन सुरक्षा कानून के तहत किसी भी व्यक्ति को बिना किसी सुनवाई के तीन महीने से दो साल तक हिरासत में रखा जा सकता है.
कश्मीर में यूरोपीय सांसदों के दल के दौरे को कथित रूप से फंड देने वाला इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट फॉर नॉन-अलाइंड स्टडीज़, श्रीवास्तव समूह का हिस्सा है. इसकी वेबसाइट पर इसके कई कारोबार होने की बात कही गई है. हालांकि दस्तावेज़ ऐसा कोई बिज़नेस नहीं दिखाते, जिससे वे यूरोपीय सांसदों को भारत बुलाने और प्रधानमंत्री से मुलाकात करवाने में समर्थ दिखें.
लंदन में मणिपुर के महाराजा लेशेम्बा सनाजाओबा के प्रतिनिधि होने का दावा करने वाले दो व्यक्तियों ने ब्रिटेन से 'निर्वासन में मणिपुर सरकार' की घोषणा की. लेशेम्बा सनाजाओबा ने स्वयं को इससे अलग करते हुए इस मामले पर अनभिज्ञता ज़ाहिर की है.
केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को ख़त्म किए जाने के बाद जम्मू कश्मीर के हालात जानने के लिए श्रीनगर पहुंचे यूरोपीय दल में शामिल जर्मनी के सांसद निकोलस फेस्ट ने यह बात कही है.
भारत को एक इंटरनेशनल बिज़नेस ब्रोकर के ज़रिये विदेशी सांसदों के कश्मीर आने की भूमिका तैयार करने की ज़रूरत क्यों पड़ी? जो सांसद बुलाए गए हैं वे धुर दक्षिणपंथी दलों के हैं. इनमें से कोई ऐसी पार्टी से नहीं है जिनकी सरकार हो या प्रमुख आवाज़ रखते हों. तो भारत ने कश्मीर पर एक कमज़ोर पक्ष को क्यों चुना? क्या प्रमुख दलों से मनमुताबिक साथ नहीं मिला?
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार मामलों के उच्चायुक्त के प्रवक्ता रूपर्ट कोलविले ने कहा कि हम अत्यंत चिंतित हैं कि कश्मीर में लोग लगातार व्यापक मानवाधिकारों से वंचित हैं और हम भारतीय अधिकारियों से स्थिति को ठीक करने तथा लोगों के अधिकारों को पूरी तरह बहाल करने का आग्रह करते हैं.
बच्चों के लिए काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी यूनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार, तीन देशों- फिलीपींस, इंडोनेशिया और मलेशिया में पांच साल से कम उम्र के औसतन 40 प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं, जबकि इस मामले में वैश्विक औसत तीन में से एक बच्चे के कुपोषित होने का है.
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को बीजिंग में एक बैठक में भरोसा दिलाया कि अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय हालात में बदलाव के बावजूद चीन और पाकिस्तान की मित्रता अटूट और चट्टान जैसी मजबूत है.
अमेरिका में ‘सीनेट इंडिया कॉकस' के सह-अध्यक्ष और अमेरिकी सांसद मार्क वार्नर ने कश्मीर के हालात पर चिंता जताते हुए भारत सरकार से अपील की है कि वह प्रेस, सूचना एवं राजनीतिक भागीदारी की आज़ादी देकर लोकतांत्रिक सिद्धांतों का पालन करे.