सेंटर फॉर मॉनिटरिंग ऑफ इंडियन इकोनॉमी की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर महीने में शहरी भारत में बेरोजगारी ग्रामीण क्षेत्र से कहीं अधिक रही. शहरी क्षेत्र में बेरोजगारी दर 8.96 प्रतिशत आंकी गई, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में यह 7.55 प्रतिशत रही.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने भी बेरोज़गारी को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आठ वर्षों बाद मोदी सरकार की विरासत यह है कि ‘नौकरियां नहीं हैं.’
बसपा सांसद दानिश अली के सवाल पर श्रम और रोजगार राज्य मंत्री संतोष गंगवार ने बीते 25 नवंबर 2019 को लोकसभा में ये जानकारी दी.
केंद्रीय श्रम राज्यमंत्री संतोष गंगवार के इस बयान पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि उत्तर भारतीयों को जिम्मेदार ठहराकर मंत्री रोज़गार दर घटने के सवालों से बचने की कोशिश कर रहे हैं.
गोदरेज ग्रुप के चेयरमैन और कारोबारी आदि गोदरेज ने कहा कि देश में सब कुछ ठीक नहीं है. हम एक ऐसे भारत की उम्मीद करते हैं जहां भय और संदेह का माहौल नहीं हो और राजनीतिक नेतृत्व पर जवाबदेह होने का भरोसा कर सकें.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चंडीगढ़ में एक रैली के दौरान कुछ कार्यकर्ताओं ने ग्रैजुएशन का कपड़ा पहनकर पकौड़े बेचते हुए बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया. कार्यकर्ताओं ने कहा कि ये ‘मोदीजी का पकौड़ा’ है.
भाजपा के आर्थिक मामलों के प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा कि भारत में नए रोज़गार चाहने वालों की संख्या बहुत अधिक है. इतनी बड़ी संख्या में युवाओं को नई सरकारी नौकरी नहीं दी जा सकती. इसीलिए हमारा ज़ोर उद्यमिता और स्व-रोज़गार पर है.
गुजरात में बेरोज़गारी दर सबसे तेज़ी से बढ़ी है. यह दर साल 2011-12 में 0.5 फीसदी थी, जबकि 2017-18 में बढ़कर 4.8 फीसदी पर पहुंच गई.
लोकसभा चुनाव से कुछ ही महीने पहले चुनावों पर नजर रखने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉमर्स द्वारा हाल ही में जारी किये गये राष्ट्रीय सर्वेक्षण में यह खुलासा किया गया है.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि देश में रोज़गार का सृजन होने के बजाय रोज़गार के नुकसान वाली स्थिति बन गई है. ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के क़र्ज़ बढ़ रहे हैं और शहरी अव्यवस्था से भविष्य की बेहतर आकांक्षा रखने वाले युवाओं में असंतोष पैदा हो रहा है.
अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय की ओर से जारी किए गए अध्ययन में बताया गया है कि जीडीपी में वृद्धि के साथ नौकरियों के मौके कम हो गए हैं.
जन गण मन की बात की 231वीं कड़ी में विनोद दुआ देश में बेरोज़गारी और सांप्रदायिकता पर चर्चा कर रहे हैं.
विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत में हर महीने 13 लाख लोग कामकाज करने की उम्र में प्रवेश करते हैं. आंकड़ों के अनुसार, भारत की रोज़गार दर लगातार गिर रही है.
व्यंग्य: हे पकौड़ा! तुम चाय की तरह हमेशा के लिए अमर हो जाते अगर मोदीजी कह देते, ‘मैं चाय के साथ पकौड़ा भी बेचता था, इसलिए मैं चाहता हूं भाइयों-बहनों की पूरा हिंदुस्तान चाय-पकौड़ा बेचे’.
छात्र-छात्राओं ने ‘मोदी पकौड़ा’, ‘अमित शाह’ पकौड़ा तथा ‘डॉ. येद्दि’ पकौड़ा बेचने के साथ इस संबंध में दिए गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की निंदा की.