हरियाणा कौशल रोजगार निगम के अनुसार,क़रीब 15 हज़ार रुपये प्रतिमाह की आय वाली संविदा सफाईकर्मी की नौकरी के लिए 6 अगस्त से 2 सितंबर के बीच 39,990 स्नातक और 6,112 से अधिक स्नातकोत्तर युवाओं ने आवेदन किया है.
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर-दिसंबर 2023 तिमाही में 20 से 24 आयु वर्ग के लोगों में बेरोज़गारी दर जुलाई से सितंबर 2023 की पिछली तिमाही के 43.65 प्रतिशत से बढ़कर 44.49 प्रतिशत हो गई. वहीं, 25-29 आयु वर्ग के लिए यह 14.33 प्रतिशत रही, जबकि जुलाई-सितंबर तिमाही में यह 13.35 प्रतिशत थी.
दिल्ली सरकार की 'विमेन एंड मेन इन दिल्ली-2023' रिपोर्ट के अनुसार, 2021-22 में दिल्ली में पुरुषों में बेरोज़गारी दर 5.1% और महिलाओं के लिए 6.0% थी. वहीं राष्ट्रीय स्तर पर यह पुरुषों के लिए 4.4 प्रतिशत और महिलाओं के लिए 3.3 प्रतिशत थी.
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी का एक हालिया विश्लेषण बताता है कि हमारी बेरोज़गारी दर फरवरी के 7.5 फीसदी से बढ़कर मार्च में 7.8 फीसदी हो गई है. इस अवधि में यह तीन महीने की उच्च दर है. शहरी इलाकों में बेरोज़गारी दर 8.4 फीसदी थी, जबकि ग्रामीण इलाकों में यह 7.5 फीसदी थी.
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग द इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) द्वारा जारी किए गए आंकड़े बताते हैं कि राज्य में युवा श्रम भागीदारी दर कोविड-19 महामारी शुरू होने के बाद से लगातार गिर रही है. 20-24 साल के युवाओं के बीच रोज़गार दर में भारी गिरावट आई है.
कांग्रेस के प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 2022 के पहले 10 महीनों में 1,83,741 लोगों ने भारतीय नागरिकता छोड़ी, यानी हर दिन 604 लोग देश छोड़कर गए. प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि ‘अच्छे दिन’ भारत में क्यों नहीं आए, रोज़ उच्च आय श्रेणी वाले भारतीय नागरिकता क्यों छोड़ रहे हैं?
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के आंकड़े बताते हैं कि दिसंबर माह में शहरी बेरोज़गारी दर 10.09 प्रतिशत और ग्रामीण बेरोज़गारी दर 7.44 प्रतिशत रही. उच्चतम 37.4 प्रतिशत की दर हरियाणा में दर्ज की गई.
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग ऑफ इंडियन इकोनॉमी की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर महीने में शहरी भारत में बेरोजगारी ग्रामीण क्षेत्र से कहीं अधिक रही. शहरी क्षेत्र में बेरोजगारी दर 8.96 प्रतिशत आंकी गई, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में यह 7.55 प्रतिशत रही.
आर्थिक शोध संस्थान सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में रोज़गार पिछले महीने की तुलना में 20 लाख घटकर 39.46 करोड़ रह गया. इस दौरान शहरी बेरोज़गारी दर बढ़कर 9.6 प्रतिशत और ग्रामीण बेरोज़गारी दर बढ़कर 7.7 प्रतिशत हो गई.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सेंटर फॉर मॉनीटरिंग ऑफ इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के आंकड़ों के हवाले से बताया है कि 2017-18 में 20 से 24 साल के युवाओं के बीच बेरोज़गारी दर 21 प्रतिशत थी, जो वित्त वर्ष 2021-22 में बढ़कर 42 प्रतिशत हो गई. राहुल गांधी ने कटाक्ष करते हुए प्रधानमंत्री से पूछा है कि क्या भारत के बेरोज़गार युवा दो करोड़ नौकरी प्रति वर्ष देने के आपके झूठ के लिए गुमराह, विश्वासघात और धोखे जैसे ‘असंसदीय’ शब्दों का
आर्थिक शोध संस्थान सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के आंकड़ों के अनुसार, जून महीने में रोज़गार में कमी से ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोज़गारी दर बढ़कर 8.03 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो मई में 7.30 प्रतिशत थी. शहरी क्षेत्रों में स्थिति कुछ बेहतर रही और बेरोज़गारी दर 7.3 प्रतिशत दर्ज की गई, जबकि मई में यह 7.12 प्रतिशत थी.
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) की ओर से जारी आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल में शहरी बेरोज़गारी दर बढ़कर 9.22 प्रतिशत हो गई, जो पिछले महीने 8.28 प्रतिशत थी, जबकि ग्रामीण बेरोज़गारी दर 7.29 प्रतिशत से घटकर 7.18 प्रतिशत हो गई.
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की बेरोज़गारी दर को लेकर जारी रिपोर्ट से पता चला कि दिसंबर में यह दर बढ़कर 7.9 फीसदी हो गई जबकि नवंबर में यह सात फीसदी थी. दिसंबर के आंकड़े अगस्त के बाद सर्वाधिक हैं, तब यह दर 8.3 फीसदी थी.
हाल के समय में विभिन्न हलकों से यह मांग की जा रही है कि भारतीय रिज़र्व बैंक को करेंसी की छपाई कर राजकोषीय घाटे का वित्तपोषण करना चाहिए. रिज़र्व बैंक द्वारा राजकोषीय घाटे के मौद्रिकरण का आशय यह है कि केंद्रीय बैंक सरकार के किसी आपात ख़र्च को पूरा करने के लिए करेंसी छापे और राजकोषीय घाटे को पूरा करे. पिनाकी चक्रवर्ती ने उम्मीद जताई कि कोरोना वायरस की यदि कोई बड़ी तीसरी लहर नहीं होती है, तो भारत का
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के आकलन के अनुसार, बेरोज़गारी दर मई में 12 प्रतिशत रही, जो अप्रैल में 8 प्रतिशत थी. यानी इस दौरान क़रीब एक करोड़ भारतीयों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है. इसका मुख्य कारण कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर है.