राज्यसभा में माकपा सांसद जॉन ब्रिटास ने राज्य सरकारों के समान नागरिक संहिता संबंधी क़ानून बनाने को लेकर प्रश्न किया था. इस पर केंद्रीय क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि समान नागरिक संहिता बनाए रखने के प्रयास में राज्यों को उत्तराधिकार, विवाह, तलाक़ जैसे मुद्दों से संबंधित व्यक्तिगत क़ानून बनाने का अधिकार है.
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस अरुण मिश्रा ने एक समारोह में कहा कि संविधान का अनुच्छेद 44 समान नागरिक संहिता को लागू करके समानता की बात करता है, उसे अप्रभावी नहीं रहना चाहिए.
विपक्षी सदस्यों ने इस विधेयक को संविधान के ख़िलाफ़ बताते हुए कहा कि इससे देश की विविधता की संस्कृति को नुकसान पहुंचेगा. उन्होंने कहा कि इससे देश के सामाजिक ताने-बाने को क्षति पहुंचने की आशंका है. उन्होंने भाजपा सदस्य किरोड़ीमल मीणा मीणा से यह निजी विधेयक वापस लेने का अनुरोध किया.
उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में बीते मई महीने में समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने के उद्देश्य से समिति का गठन किया था. इसे सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक़, गोद लेने और उत्तराधिकार जैसे व्यक्तिगत मामलों को नियंत्रित करने वाले क़ानूनों के एक समान समूह के रूप में संदर्भित किया जाता है, चाहे वह किसी भी धर्म का हो.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने समिति बनाने की घोषणा करते हुए कहा कि भारत में अब समय आ गया है कि एक समान नागरिक संहिता लागू होनी चाहिए. कोई व्यक्ति एक से ज़्यादा शादी क्यों करे. एक देश में दो विधान क्यों चलें, एक ही होना चाहिए.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि हम दीनदयाल उपाध्याय के समय से समान नागरिक संहिता के बारे में बात कर रहे हैं. देश में राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर इस पर गंभीर विचार चल रहा है. सही समय आने पर इसे लागू करने का भी इरादा है. यह राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के मुख्य घोषणा-पत्र का हिस्सा था.
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने घोषणा-पत्र जारी करते हुए कहा कि दोबारा चुने जाने पर हम संभावित ख़तरों और आतंकवादी संगठनों और भारत विरोधी ताक़तों के स्लीपर सेल की पहचान करने और उन्हें ख़त्म करने के लिए गुजरात में एक एंटी-रेडिकलाइजेशन सेल बनाएंगे. साथ ही सार्वजनिक और निजी संपत्ति नुकसान वसूली अधिनियम लाने का वादा किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट में दायर जनहित याचिकाओं में बहुविवाह और 'निकाह हलाला' को असंवैधानिक और अवैध घोषित करने का निर्देश देने का आग्रह किया है. एक याचिकाकर्ता ने अनुरोध किया था कि मामले को सुन रही संविधान पीठ को नए सिरे से गठित करने की ज़रूरत है, क्योंकि पिछली पीठ के दो जज रिटायर हो चुके हैं.
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा का संकल्प जारी करते हुए पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि उनका दल समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए एक समिति गठित करेगी. इसकी रिपोर्ट के आधार पर इसे लागू किया जाएगा. साथ ही कहा कि भाजपा राज्य में वक़्फ़ की संपत्तियों का सर्वे कराएगी, ताकि उनके ‘ग़ैरक़ानूनी’ इस्तेमाल को रोका जाए.
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने गुजरात सरकार के समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए समिति गठित करने के निर्णय पर कहा कि क्या भाजपा इसे पूरे देश में लागू करने के लिए लोकसभा चुनाव का इंतज़ार कर रही है!
विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में गुजरात सरकार ने समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति के गठन के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी है. बताया गया है कि तीन से चार सदस्य वाली इस समिति के अध्यक्ष हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज होंगे और सदस्यों का चयन मुख्यमंत्री करेंगे.
समान नागरिक संहिता 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान सत्तारूढ़ भाजपा के चुनावी वादों में से एक रहा है. केंद्रीय विधि मंत्री किरेन रिजीजू ने लोकसभा में जानकारी दी कि समान नागरिक संहिता को लेकर कुछ रिट याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं, इसलिए इस संबंध में कोई फैसला नहीं लिया गया है.
देवबंद में जमीयत उलेमा-ए-हिंद की प्रबंधन समिति के सालाना अधिवेशन में महमूद मदनी ने कहा, 'हमारा मज़हब, लिबास, तहज़ीब, खाना-पीना भी अलग है. और अगर आपको हमारा मज़हब बर्दाश्त नहीं है, तो आप कहीं और चले जाएं. वो ज़रा-ज़रा सी बात पर कहते हैं कि पाकिस्तान जाओ, भइया तुम्हें मौक़ा नहीं मिलेगा पाकिस्तान जाने का, हमें मिला था, हमने रिजेक्ट किया है. इसलिए हम नहीं जाएंगे, जिसको भेजने का शौक़ है वो चला जाए.'
उत्तराखंड सरकार के एक आदेश में कहा गया है कि पांच सदस्यीय समिति की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना देसाई करेंगी, जो वर्तमान में भारत के परिसीमन आयोग की प्रमुख हैं. अन्य सदस्यों में दिल्ली हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश प्रमोद कोहली, सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौर, सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी शत्रुघ्न सिंह और दून विश्वविद्यालय की कुलपति सुरेखा डंगवाल शामिल हैं.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े साप्ताहिक ‘पाञ्चजन्य’ और ‘ऑर्गेनाइजर’ के एक कार्यक्रम में असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि बच्चों को मदरसों में प्रवेश देना मानवाधिकारों का उल्लंघन है. किसी भी धार्मिक संस्थान में प्रवेश उस उम्र में होना चाहिए, जिसमें वे अपने फ़ैसले खुद ले सकें.