पंजाब की विपक्षी पार्टी शिरोमणि अकाली दल ने समान नागरिक संहिता पर विधि आयोग को दी अपनी आधिकारिक प्रतिक्रिया में कहा है कि अगर इसे लागू किया जाता है तो यह निश्चित रूप से विभिन्न जाति, पंथ और धर्मों के अल्पसंख्यक समुदायों की स्वतंत्रता को प्रभावित करेगा. इस पर निर्णय लेते समय सिखों की भावनाओं का सम्मान किया जाना चाहिए.
लगभग 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने बिहार के पटना में आयोजित जी-20 देशों की ट्रेड यूनियनों की एल-20 बैठकों का बहिष्कार किया है. वे आरएसएस समर्थित ट्रेड यूनियन भारतीय मजदूर संघ को बैठक का अध्यक्ष नियुक्त करने के केंद्र सरकार के फैसले से नाखुश हैं.
मणिपुर हाईकोर्ट के 27 मार्च के विवादास्पद आदेश पर मेईतेई ट्राइब्स यूनियन ने समीक्षा याचिका दायर करते हुए कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक किसी भी समुदाय को एसटी में शामिल करना या बाहर करना संसद और राष्ट्रपति का विशेषाधिकार है, हाईकोर्ट का आदेश इसका पालन नहीं करता है. इस बीच, उच्च न्यायालय ने राज्य में सीमित इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराने के आदेश दिए हैं.
इलाहाबाद हाईकोर्ट एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें दावा किया गया है कि 'इंडिया... हू लिट द फ्यूज़' शीर्षक वाली फिल्म में भारत में विभिन्न धार्मिक संप्रदायों के बीच नफ़रत पैदा करने और इसके धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को नष्ट करने की क्षमता है.
ईडी ने मंगलवार को तमिलनाडु के बिजली मंत्री वी. सेंथिल बालाजी के घर और परिसरों में तलाशी शुरू करने के बाद बुधवार तड़के उन्हें हिरासत में ले लिया. यह मामला 2011 से 2016 के बीच राज्य के परिवहन विभाग में कथित रूप से नौकरी के लिए कैश के घोटाले से जुड़ा है. तब बालाजी अन्नाद्रमुक सरकार में परिवहन मंत्री थे.
500 से अधिक नागरिकों, अधिकार कार्यकर्ताओं, महिला समूहों, छात्रों और शिक्षाविदों ने मनी लॉन्ड्रिंग क़ानून के दुरुपयोग पर चिंता जताते हुए लिखा है कि यूएपीए की तरह ही पीएमएलए के दुरुपयोग के भी मामले बढ़ रहे हैं, ख़ासकर उन लोगों के ख़िलाफ़ जो सरकार और इसकी नीतियों के मुखर आलोचक हैं.
मनरेगा के तहत काम करने वाले मज़दूर डिजिटल बुनियादी ढांचे की कमी के बावजूद प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने की सरकार की नीति का ख़ामियाजा भुगत रहे हैं. उपस्थिति के लिए लाया गया राष्ट्रीय मोबाइल निगरानी प्रणाली (एनएमएमएस) एप्लिकेशन और अनिवार्य आधार-आधारित भुगतान प्रणाली ने मज़दूरों की समस्याओं को और बढ़ा दिया है.
शिक्षा सुधारक सोनम वांगचुक ने कहा है कि उपवास का कारण यह है कि केंद्र सरकार ने संविधान की छठी अनुसूची में लद्दाख को लाने की मांग पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है. 2019 में लद्दाख के जम्मू कश्मीर से अलग होने के बाद से यह मांग लगातार उठती रही है. सोनम इसे लेकर जनवरी में भी उपवास पर रहे थे.
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की मासिक रिपोर्ट के डेटा के आधार पर एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि केंद्र सरकार की 150 करोड़ रुपये से अधिक लागत वालीं 1,449 परियोजनाएं चल रही हैं. मार्च 2023 तक इन परियोजनाओं में औसतन 3 साल से अधिक की देरी देखी गई.
सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक विवाहों को क़ानूनी मान्यता देने वाली याचिकाओं के औचित्य पर सवाल उठाते हुए केंद्र ने कहा है कि ‘विवाह’ जैसे मानवीय संबंधों की मान्यता अनिवार्य रूप से एक विधायी कार्य है, अदालतें न्यायिक व्याख्या के माध्यम से या मौजूदा क़ानूनी ढांचे को ख़त्म करके ‘विवाह’ नामक किसी भी संस्था को बना या मान्यता नहीं दे सकती हैं.
जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने द वायर को दिए एक इंटरव्यू में वर्ष 2019 में सीआरपीएफ के क़ाफ़िले पर हुए आतंकी हमले के लिए ख़ुफ़िया तंत्र की विफलता की ओर भी इशारा किया है. इस संबंध में सीआरपीएफ द्वारा कराई गई एक आंतरिक जांच भी कुछ ऐसा ही इशारा करती है.
अनुसूचित जाति (एससी) कोटा में दलित ईसाइयों और दलित मुसलमानों को शामिल किए जाने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है, इस दौरान सरकार ने कहा कि उसने इस संबंध में एक समिति का गठन किया है, जिसकी रिपोर्ट आने तक शीर्ष अदालत को इंतज़ार करना चाहिए. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामला 20 वर्षों से लंबित है, कितनी समितियां बनाई जाएंगी.
बीबीसी द्वारा जनवरी में गुजरात दंगों में नरेंद्र मोदी की भूमिका को रेखांकित करने वाली डॉक्यूमेंट्री रिलीज़ किए जाने के बाद फरवरी में इसके दिल्ली और मुंबई के कार्यालयों में आयकर विभाग ने 'सर्वे' किया था. अब ईडी ने इसके ख़िलाफ़ कथित 'विदेशी मुद्रा उल्लंघन' का मामला दर्ज किया है.
सामाजिक न्याय और अधिकारिता पर संसदीय स्थायी समिति के समक्ष केंद्र सरकार ने बताया है कि मैनुअल स्कैवेंजिंग अधिनियम के तहत अब तक 616 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है, जिनमें से अब तक केवल एक मामले में दोषसिद्धि हुई है.
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग द्वारा हाल ही में जारी एक सर्कुलर में केंद्र सरकार के सभी विभागों के सचिवों को निर्देश दिया गया है कि विरोध प्रदर्शन समेत किसी भी रूप में हड़ताल पर जाने वाले कर्मचारियों के ख़िलाफ़ वेतन में कटौती के अलावा अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए.