महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना के तहत केंद्र द्वारा 14 राज्यों को 6,157 करोड़ रुपये का बकाया देना बाकी है. इनमें 8 राज्य विपक्ष शासित हैं. लगभग 2,700 करोड़ रुपये अकेले पश्चिम बंगाल को देना बाकी है.
ओडिशा के कांग्रेस सांसद सप्तगिरी शंकर उल्का ने लोकसभा में सवाल पूछा था कि केंद्र सरकार और उपयुक्त अधिकरणों के पास अनुसूचित जनजाति के दर्जे के कितने अनुरोध लंबित हैं. इस पर जनजातीय मामलों के राज्य मंत्री बिश्वेश्वर टुडू ने सरकार के पास लंबित ऐसे अनुरोधों की संख्या बताने से इनकार कर दिया.
लद्दाख के शिक्षा सुधारक और जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने क्षेत्र में छठी अनुसूची की मांग को दोहराते हुए कहा कि डर यह नहीं है कि लोग भारत के ख़िलाफ़ हो जाएंगे, डर यह है कि भारत के लिए प्यार कम हो जाएगा और ऐसा होना उस देश के लिए ख़तरनाक है जो चीन का सामना कर रहा है.
लद्दाख में संविधान की छठी अनुसूची लागू करने और पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग के समर्थन में इंजीनियर एवं नवप्रवर्तक सोनम वांगचुक पांच दिन का ‘क्लाइमेट फास्ट’ कर रहे हैं. विरोध को ख़त्म करने की कोशिश में प्रशासन ने उनसे एक बॉन्ड पर साइन करने के लिए कहा है, जिसमें कहा गया है कि वह कोई बयान नहीं देंगे या एक महीने तक लेह में किसी सार्वजनिक सभा में भाग नहीं लेंगे.
सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी के विश्लेषण से पता चला है कि केंद्र सरकार द्वारा 2021 में कुल 6,096 और 2022 में 6,775 यूआरएल ब्लॉक किए गए, जिसमें सभी तरह के यूआरएल जैसे वेबपेज, वेबसाइट, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विशिष्ट पेज आदि शामिल हैं.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राज्य में हिंदी विरोधी आंदोलन के दौरान जान गंवाने वालों के सम्मान में आयोजित ‘भाषा शहीद दिवस’ में केंद्र पर बेशर्मी से हिंदी थोपने का आरोप लगाते हुए कहा कि हम किसी भाषा के दुश्मन नहीं हैं. अपने हित के लिए कोई कितनी भी भाषाएं सीख सकता है, पर हम थोपे जाने के किसी भी क़दम का विरोध करेंगे.
इंटरनेट आर्काइव दुनिया भर के यूजर्स द्वारा वेबपेज संग्रह और मीडिया अपलोड का एक भंडार है. बीबीसी की 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' डॉक्यूमेंट्री के पहले एपिसोड के संबंध में इसकी वेबसाइट पर यह लिखा दिख रहा है कि 'यह सामग्री अब उपलब्ध नहीं' है.
हाल ही में केंद्र सरकार ने अमेरिकी सिख व्यवसायी दर्शन सिंह धालीवाल को प्रवासी भारतीय सम्मान से सम्मानित किया है. किसान आंदोलन के दौरान लंगर चलाने के चलते अक्टूबर 2021 में धालीवाल को सरकार ने भारत में प्रवेश करने से रोक दिया था और दिल्ली हवाई अड्डे से निर्वासित कर दिया था.
इस वर्ष गणतंत्र दिवस की परेड के लिए कर्नाटक राज्य की झांकी को केंद्र द्वारा अस्वीकार कर दिया गया है. 13 सालों में पहली बार राज्य की झांकी परेड का हिस्सा नहीं होगी. विपक्षी कांग्रेस ने इसके लिए बसवराज बोम्मई सरकार की निंदा की है, वहीं केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि इस पर विवाद पैदा करना सही नहीं है.
राष्ट्रीय मौद्रिकरण पाइपलाइन के तहत केंद्र की महत्वाकांक्षी संपत्ति मौद्रिकरण योजना में वित्त वर्ष 2022-23 में रेलवे, दूरसंचार व पेट्रोलियम क्षेत्र तय निर्धारित लक्ष्यों से पिछड़ गए हैं, जिसके चलते योजना लक्ष्य से चूकती दिख रही है. नतीजतन, राजस्व और निवेश में लक्ष्य के मुकाबले लगभग 50 हज़ार करोड़ रुपये की कमी हो सकती है.
नोटबंदी पर अपने अल्पमत के फैसले में जस्टिस बीवी नागरत्ना ने मोदी सरकार के इस क़दम पर कई सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि अधिसूचना की बजाय इसके लिए संसद में चर्चा होनी चाहिए थी. उन्होंने यह भी जोड़ा कि इसे लेकर आरबीआई ने स्वतंत्र रूप से सोच-विचार नहीं किया और पूरी कवायद 24 घंटे में कर दी गई.
बीते 23 दिसंबर को केंद्र सरकार ने घोषणा की थी कि वह 1 जनवरी, 2023 से प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण अन्न योजना को बंद कर देगी. ‘राइट टू फूड कैंपेन’ नामक संगठन ने कहा है कि जब तक देश पूरी तरह से महामारी से बाहर नहीं आ जाता है, तब तक सरकार द्वारा प्रति व्यक्ति कम से कम 10 किलो राशन की गारंटी दी जानी चाहिए.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में छत्तीसगढ़ मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य के अधिकारियों-कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने का फैसला किया गया है, जबकि राज्य के अधिकारियों-कर्मचारियों के राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली की राशि वापस करने से इनकार कर चुकी है.
केरल हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि आज फैमिली कोर्ट युद्ध का मैदान बन गए हैं, जो तलाक़ की मांग करने वाले पक्षों की पीड़ा बढ़ा रहे हैं. अदालत ने तलाक अधिनियम, 1869 की धारा 10ए के तहत एक वर्ष की अलगाव की न्यूनतम अवधि के निर्धारण को चुनौती देने वाली एक याचिका पर अपने फैसले में टिप्पणी की कि यह मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है.
सभापति के रूप में राज्यसभा की कार्यवाही का संचालन करते हुए अपने पहले संबोधन में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा राष्ट्रीय न्यायिक आयोग क़ानून ख़ारिज किए जाने को लेकर कहा कि यह ‘संसदीय संप्रभुता से गंभीर समझौता’ और उस जनादेश का ‘अनादर’ है जिसके संरक्षक उच्च सदन व लोकसभा हैं.