उन्नाव ज़िले में एक 13 वर्षीय लड़की की कथित तौर पर 22 वर्षीय व्यक्ति से शादी कर दी गई, क्योंकि दूल्हे ने उसकी बड़ी बहन ने शादी करने से इनकार कर दिया था. पुलिस ने दूल्हे, लड़की के परिवार, शादी कराने वाले पुजारी और समारोह में शामिल होने वाले 111 लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है.
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उत्तर प्रदेश की उन्नाव पुलिस ने बताया कि घटना बीते 24 जून की रात में हुई. पत्रकार को दाहिने कंधे में चोट आई थी. उन्हें कानपुर रिफर कर दिया गया था. पुलिस अधिकारियों ने इस बात पर संदेह जताया है कि पत्रकार को गोली मारी गई है. बीते मई महीने में पत्रकार के ख़िलाफ़ बलात्कार और धोखाधड़ी के केस दर्ज किए गए थे.
पुण्यतिथि विशेष: ‘मुकम्मल आज़ादी’ और ‘इंक़लाब जिंदाबाद’ का नारा बुलंद करने वाले हसरत मोहानी के बारे में डाॅ. आंबेडकर कहते थे कि वही एकमात्र ऐसे नेता हैं जो समानता का ढोंग करने के बजाय अपने हर आचरण में उसे बरतते हैं.
घटना उन्नाव की है. ख़बरों के अनुसार, फरवरी 2022 में सामूहिक बलात्कार का शिकार हुई नाबालिग दलित लड़की ने एक बेटे को जन्म दिया था. पीड़िता की मां के अनुसार, बलात्कार का मामला वापस लेने से इनकार करने के बाद ज़मानत पर बाहर दो आरोपियों ने बच्चे को ख़त्म करने के उद्देश्य से उनके घर में आग लगा दी.
उत्तर प्रदेश के उन्नाव ज़िले का मामला. एक दलित किशोरी का शव सड़क पर पड़ा मिला था, जिस पर चोट के गंभीर निशान थे. परिवार का आरोप है कि अज्ञात लोगों ने अपहरण कर सामूहिक बलात्कार के बाद उसकी हत्या की है. वहीं, पुलिस ने इन आरोपों से इनकार कर दावा किया कि लड़की की मौत किसी भारी वाहन से कुचले जाने की वजह से हुई.
उत्तर प्रदेश की पूर्ववर्ती सपा सरकार में मंत्री रहे स्वर्गीय फतेह बहादुर सिंह के बेटे राजोल सिंह की के आश्रम के पास की जमीन से बीते 10 फरवरी को 22 वर्षीय दलित युवती का क्षत-विक्षत शव मिला था. युवती के लापता होने की शिकायत पर एफआईआर एक महीने बाद 10 जनवरी को दर्ज की गई थी. आरोपी को बीते 24 जनवरी को युवती के अपहरण के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था.
उत्तर प्रदेश के उन्नाव ज़िले का मामला है. 22 वर्षीय दलित युवती के लापता होने की शिकायत पिछले साल आठ दिसंबर को की गई थी और एफआईआर एक महीने बाद 10 जनवरी को दर्ज की गई थी. युवती का क्षत-विक्षत शव एक आश्रम के पास से निकाला गया, जो कि सपा सरकार में मंत्री रहे स्वर्गीय फतेह बहादुर सिंह के बेटे राजोल सिंह के स्वामित्व में है. राजोल को बीते 24 जनवरी को युवती के अपहरण के आरोप में गिरफ़्तार
दिल्ली की एक अदालत ने कुलदीप सेंगर एवं पांच अन्य को यह कहते हुए आरोपमुक्त कर दिया कि प्रथमदृष्टया उनके विरुद्ध आरोप नहीं बनते हैं. हालांकि अन्य चार आरोपियों के विरुद्ध आरोप तय करने का आदेश दिया गया है. सेंगर फिलहाल तिहाड़ जेल में उम्रक़ैद की सज़ा काट रहे हैं.
वीडियो: नरेंद्र मोदी सरकार ने डिजिटल इंडिया की शुरुआत की थी, लेकिन कोरोना वायरस के दौरान उत्तर प्रदेश के उन्नाव ज़िले के अजगैन गांव के एक स्कूल में ऑनलाइन शिक्षा की सुविधा का लाभ बच्चे नहीं उठा सके. यह स्कूल राज्य की राजधानी लखनऊ से महज 47 किमी. दूर है, जहां किसी भी बच्चे के पास मोबाइल फोन और इंटरनेट नहीं है. इतना ही नहीं मिड-डे मील बनाने वाली महिला को पिछले साल जून से वेतन नहीं मिला है.
उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने उन्नाव के बांगरमऊ में आयोजित भाजपा के 'प्रबुद्ध सम्मेलन' में कहा कि अगर कोई केवल कम कपड़े पहनने से महान बनता, तो राखी सांवत महात्मा गांधी से भी महान बन गई होतीं. आलोचना के बाद दीक्षित ने कहा कि उनकी बात को सही संदर्भ में नहीं लिया गया.
जुलाई 2019 में भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली युवती रायबरेली जेल में बंद अपने चाचा से मुलाकात करने जा रही थीं. इसी दौरान उनकी कार और एक ट्रक की टक्कर हो गई थी, जिसमें उनकी दो रिश्तेदारों की मौत हो गई थी. हादसे के बाद सेंगर के ख़िलाफ़ साज़िश रचने का केस दर्ज किया था. सीबीआई ने कहा था कि नामज़द लोगों के ख़िलाफ़ आपराधिक षड्यंत्र रचने से संबंधित कोई सबूत नहीं
बीते दिनों उन्नाव में मुख्य विकास अधिकारी द्वारा एक पत्रकार को पीटने का वीडियो सामने आया था. गिल्ड ने कहा है कि भले ही सीडीओ ने माफ़ी मांग ली है, लेकिन प्रशासन का मनमाना रवैया मीडिया के लोकतांत्रिक अधिकारों को नुकसान पहुंचा रहा है. प्रदेश में पत्रकारिता के माहौल में सुधार के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए.
एक अधिवक्ता द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि शवों के सम्मानजनक निपटारे के लिए पंचायत, राज्य व केंद्र के स्तर पर त्रिस्तरीय समिति का गठन किया जाए. उन्होंने यह भी मांग की है कि गंगा नदी के क्षेत्र को इकोलॉजिकली संवेदनशील क्षेत्र घोषित किया जाए, जिसकी सुरक्षा और संरक्षण करने की ज़रूरत है.
बीते दिनों बिहार और उत्तर प्रदेश में गंगा व इसकी सहायक नदियों में बड़ी संख्या में संदिग्ध कोरोना संक्रमितों के शव मिलने के बाद केंद्र ने दोनों राज्यों की सरकार से इस पर रोक लगाने को कहा था. जल शक्ति मंत्रालय के साथ बैठक में यूपी सरकार ने कहा है कि प्रदेश के कुछ हिस्सों में शवों को प्रवाहित करने की परंपरा रही है.