मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बीते हफ्ते विधानसभा में कहते नज़र आए कि 'मैं यहां नौकरी करने नहीं आया हूं... मुझे इससे ज्यादा प्रतिष्ठा अपने मठ में मिल जाती है.' सवाल उठता है कि क्या उनकी निगाह में मुख्यमंत्री पद गोरक्षपीठाधीश्वर के पद से कम प्रतिष्ठित है?
योगी आदित्यनाथ सरकार का नजूल संपत्ति विधेयक विधानसभा से पारित होने के बाद विधान परिषद में तब अटक गया जब इसे समीक्षा के लिए प्रवर समिति के पास भेज दिया गया. इसकी मांग सबसे पहले यूपी भाजपा प्रमुख और एमएलसी भूपेंद्र चौधरी ने की, जिसका समर्थन उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने किया.