एक गैर सरकारी संगठन ने अपने सर्वेक्षण में दावा किया है कि इस बार उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में नोट के बदले वोट लेेने के लिए उम्मीदवारों ने तकरीबन एक हज़ार करोड़ रुपये खर्च किए.
रायबरेली के रहने वाले मनफीक ख़ान कहते हैं, ‘कोउ नृप होय हमें का हानि. मुख्यमंत्री कोई भी बने कमाकर ही खाना है तो मुख्यमंत्री कोई राजा बने, योगी बने, शर्मा बने या ख़ान बने कुछ भी फ़र्क नहीं पड़ता है. भाजपा जीती है, उसका मन जिसे करे उसे मुख्यमंत्री बनाए.’
पूर्वांचल में गहरी पैठ रखने वाले और हिंदू युवा वाहिनी के संस्थापक योगी आदित्यनाथ रविवार को उत्तर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे
साक्षात्कार: उत्तर प्रदेश में भाजपा को भारी बहुमत मिला है. केंद्र और राज्य में अब भाजपा की सरकार है. अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण भाजपा का बुनियादी मुद्दा रहा है. अयोध्या से पांच बार विधायक रहे और अभी फैजाबाद के सांसद लल्लू सिंह से राम मंदिर समेत तमाम दूसरे मुद्दों पर बातचीत.
कुछ राजनीतिक दलों द्वारा ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए जाने के बीच निर्वाचन आयोग के पूर्व प्रमुखों ने इस बात पर जोर दिया है कि मशीनों से छेड़छाड़ नहीं हो सकती.
राहुल गांधी के उपाध्यक्ष बनने के बाद से कांग्रेस को 24 चुनावों में हार का सामना करना पड़ा है. पार्टी की हालत यह हो गई है कि इसके साथ गठबंधन करने वाले दलों की भी लुटिया डूब जा रही है.
एक महिला से सामूहिक बलात्कार और उसकी बेटी से छेड़खानी के आरोपी सपा नेता गायत्री प्रजापति को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया. उन्हें पोस्को अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
उत्तर प्रदेश में भाजपा की बड़ी जीत के बाद आरएसएस विचारक एमजी वैद्य ने कहा है कि यह जनादेश राम मंदिर के निर्माण के लिए मिला है.
विपक्ष को एक नए भारत का सपना बुनना होगा जो भाजपा के हिंदूवादी, आर्थिक आधार पर खड़े विचार को चुनौती दे सके. एक ऐसा भारत जिसमें अस्मिता और देशभक्ति भी शामिल हो, विकास और सम्पन्नता की सोच भी.
भले ही जनता ने मोदी को विधानसभा में प्रचंड बहुमत दे दिया है लेकिन लोकसभा की तरह उसे यहां भी निराश होना पड़ेगा. वजह साफ है कि न तो मोदी के पास कोई बड़ी दृष्टि है और न ही उनके पास स्थितियों को समझने का धैर्य.
हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा ऐसे माहौल में समाज में सांप्रदायिक भय खड़ा करता है. हिंसा का भय 1984 के चुनाव में राजीव गांधी के रणनीतिकारों ने भी खड़ा किया था. तब राजीव गांधी ने भी जीत का कीर्तिमान बनाया था. यह कीर्तिमान अब मोदी-शाह ने बनाया है.
अगर भाजपा जातियों के अंतर्विरोधों और संसाधनों में हिस्सेदारी की मार-काट को काबू में रख सकी तो जब तक मोदी का नाम चलेगा, ये वोट बैंक भी चलेगा.
यह ऐसा सवाल है जिसका जवाब हर कोई जानना चाह रहा है. अब तक यह सवाल आपसे इतनी बार पूछा जा चुका होगा कि आपको जवाब रट गया होगा. फिलहाल अगले कुछ घंटे आप इन समीकरणों पर भी विचार कीजिए.
ग्राउंड रिपोर्ट: मीडिया द्वारा बनारस की मूल समस्याओं से ध्यान हटाकर उसे लंका से काशी विश्वनाथ और बीएचयू पर केंद्रित कर दिया गया. इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पक्ष या विपक्ष में कर दिया गया. यह न तो जनतंत्र के लिए ठीक बात है और न ही पत्रकारिता के लिए.
सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की पत्नी साधना यादव ने मंगलवार को लखनऊ में कहा कि उन्हें लगता है कि अखिलेश को किसी ने गुमराह किया है.