2017 यूपी विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज़मगढ़ में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने की घोषणा की थी, जिसे अमली जामा पहनाने की शुरुआत करते हुए बीते अक्टूबर में ज़िला प्रशासन ने ज़मीनों का माप आदि लेना शुरू किया. अधिग्रहण के क्षेत्र में आने वाले आठ गांवों के लोग इसके विरोध में हैं. उनका कहना है कि ज़मीन लेने के लिए उनसे सहमति नहीं ली गई है.
मेरठ ज़िले के पत्रकार ज़ाकिर अली त्यागी के ख़िलाफ़ 2020 में दर्ज एक कथित गोकशी के मामले में स्थानीय अदालत ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि क्षेत्र में पत्रकार की उपस्थिति क़ानून-व्यवस्था बिगाड़ सकती है.
मेरठ की सुभारती यूनिवर्सिटी की एक छात्रा ने बीते हफ्ते कॉलेज परिसर में आत्महत्या का प्रयास किया था, जिसके बाद इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. मामले में एक छात्र को गिरफ़्तार किया गया है. पुलिस के अनुसार, वह कॉलेज स्टाफ की भूमिका की जांच रही है क्योंकि उन्होंने घटना के बारे में पुलिस को सूचित नहीं किया था.
घटना अमरोहा के ज़िला अस्पताल की है, जहां अचानक बिजली चले जाने के बाद एक मरीज़ की डायलिसिस प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी. परिजनों के अनुसार, कई घंटों तक अस्पताल में बिजली आने का इंतज़ार करने के बाद घर लौटने पर मरीज़ की हालत बिगड़ने लगी और दूसरे अस्पताल ले जाने के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने नफ़रत भरे भाषणों को बहुत ही गंभीर मुद्दा क़रार देते हुए दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सरकारों को निर्देश दिया कि वे संबंधित अपराधों पर की गई कार्रवाई के संबंध में रिपोर्ट दाख़िल करें. पीठ मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने और उन्हें आतंकित करने के बढ़ते ख़तरे को रोकने के लिए हस्तक्षेप की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही है.
5 अक्टूबर 2020 को केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन और तीन अन्य को हाथरस सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले की रिपोर्टिंग के लिए जाते समय गिरफ़्तार किया गया था. पुलिस का आरोप है कि आरोपी क़ानून-व्यवस्था ख़राब करने के लिए हाथरस जा रहा था. कप्पन पर पीएफआई से जुड़े होने का भी आरोप है.
बीते पांच जुलाई को जारी शासनादेश के अनुसार, उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी विभागों को 31 जुलाई तक ऐसे कर्मचारियों की स्क्रीनिंग का काम पूरा कर 15 अगस्त तक इसकी सूचना कार्मिक विभाग को देने को कहा गया है.
द वायर के साथ बातचीत में इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रह चुके जस्टिस गोविंद माथुर ने कहा कि जैसा उत्तर प्रदेश में चल रहा है, ऐसा ही चलता रहा तो क़ानून या पुलिस की ज़रूरत ही नहीं रहेगी. जो भी हो रहा है वो मनमाना है.
उत्तर प्रदेश में हाल ही में प्रदर्शनकारियों के कथित 'अवैध निर्माण' को प्रशासन द्वारा तोड़ने की कार्रवाई पर स्वतः संज्ञान लेने का आग्रह करते हुए देश के 12 पूर्व न्यायाधीशों और वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि उन्हें आशा है कि अदालत ऐसे महत्वपूर्ण समय में नागरिकों और संविधान को निराश नहीं करेगी.
बागपत ज़िले के छपरौली थाना क्षेत्र में पुलिस की दबिश के दौरान ज़हर खाने वाली मां और दो बेटियों की मौत के मामले में आरोपी दारोगा को निलंबित कर दिया गया है. वहीं, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस भेज चार हफ्ते के अंदर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है.
सुप्रीम कोर्ट से ज़मानत मिलने के बाद सीतापुर जेल से रिहा हुए समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक आज़म ख़ान ने प्रेस वार्ता में बिना किसी का नाम लिए कहा कि उनकी जड़ों में ज़हर डालने वाले उनके अपने ही हैं.
इस संबंध में दर्ज एफ़आईआर में आरोप लगाया गया है कि 13.842 हेक्टेयर की विवादित ज़मीन इमामुद्दीन क़ुरैशी नाम के व्यक्ति की थी, जो देश के बंटवारे के बाद पाकिस्तान चले गए और भारत की नागरिकता छोड़कर पाकिस्तान की नागरिकता ले ली. उनकी ज़मीन को शत्रु संपत्ति के रूप में दर्ज किया गया था, लेकिन सपा नेता ख़ान ने अन्य लोगों की मिलीभगत से उस भूखंड पर क़ब्ज़ा कर लिया था.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के लिए शत्रु संपत्ति हड़पने के मामले में समाजवादी पार्टी के विधायक आज़म ख़ान को अंतरिम ज़मानत दे दी. इसी मामले में ज़मानत अर्जी पर सुनवाई में देरी को लेकर दर्ज याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.
समाजवादी पार्टी के नेता आज़म ख़ान को 87 में से 86 मामलों में ज़मानत मिल चुकी है. सुप्रीम कोर्ट ने ज़मीन क़ब्ज़ाने के एक मामले में उनकी ज़मानत याचिका पर सुनवाई में देरी पर नाराज़गी जताई है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इससे पहले चार दिसंबर 2021 को भी उनकी ज़मानत अर्ज़ी पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. हालांकि, बाद में राज्य सरकार ने कुछ नए तथ्य पेश करने की अनुमति मांगी, जो बृहस्पतिवार को दाख़िल किए गए.
राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनज़र दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने सार्वजनिक जगहों पर मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है. इससे पहले हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकारें भी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आने वाले ज़िलों में यही नियम लागू कर चुकी हैं.