वीडियो: योगी आदित्यनाथ द्वारा मंत्रिमंडल विस्तार में सुभासपा के ओपी राजभर समेत दल-बदलू इतिहास वाले नेताओं को शामिल करना क्या किसी मज़बूरी के चलते हुए है? बता रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान.
वीडियो: 'इंडिया' गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर चले लंबे मंथन और मनमुटाव की अटकलों के बीच समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव कांग्रेस नेता राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' में शामिल हुए. दोनों दलों के लिए इसके क्या मायने है, इस पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश से बात कर रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
योगी सरकार में वन मंत्री और मऊ की मधुबन सीट से विधायक दारा सिंह चौहान ने कहा कि वे पिछड़ों, किसानों और बेरोज़गार युवाओं के प्रति सरकार की उपेक्षा के चलते इस्तीफ़ा दे रहे हैं. उधर, इससे पहले पार्टी छोड़ने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य के ख़िलाफ़ सुल्तानपुर की एक अदालत ने सात साल पुराने मामले में गिरफ़्तारी का वॉरंट जारी किया है.
पिछले विधानसभा चुनाव से पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने बसपा के विधायक दल का नेता रहते हुए अचानक इस्तीफ़ा देकर भाजपा का दामन थामा था. अब उन्होंने पार्टी छोड़ते हुए कहा कि उन्होंने पांच साल तक पीड़ा में रहकर भाजपा में कठिन परिस्थितियों में काम किया. उनके इस्तीफ़े बाद बांदा के तिंदवारी से विधायक बृजेश प्रजापति और तिलहर विधायक रोशन लाल वर्मा ने भी भाजपा छोड़ दी है.
दलित, पिछड़ी और कमज़ोर मानी जाने वाली जातियां, जिन्होंने 2014 के बाद 2017 और 2019 में भाजपा की हिंदुत्व की लहर में बहकर उसे समर्थन दिया, 2022 के विधानसभा चुनाव के पहले ही उनका पार्टी से मोहभंग हो गया है. मुस्लिम आबादी के साथ इन समुदायों का गठजोड़ भाजपा के लिए बड़ा संकट खड़ा कर सकता है.
बसपा प्रमुख मायावती ने कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध का समर्थन किया और घोषणा की कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो राज्य में तीनों विवादास्पद कानूनों को लागू नहीं किया जाएगा.
उत्तर प्रदेश की राज्यसभा की 10 में से आठ सीटों पर भाजपा, एक-एक सीट पर सपा और बसपा ने निर्विरोध जीत दर्ज की. उत्तराखंड से एकमात्र सीट से भाजपा ने जीत दर्ज की. इसके साथ उच्च सदन में पहली बार भाजपा 92 सीटों पर पहुंच गई और कांग्रेस पार्टी पहली बार 40 से सीटों पर सिमट गई है.
उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की दस सीटों के लिए 9 नवंबर को मतदान होना है. इसके लिए भाजपा ने आठ, सपा ने एक और बसपा ने एक प्रत्याशी खड़ा किया है. हालांकि, बुधवार को बसपा के सात विधायकों ने बगावत कर दी और कहा कि बसपा प्रत्याशी के नामांकन पत्र पर उनके फ़र्ज़ी हस्ताक्षर हैं. इसके बाद उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात भी की.
कांग्रेस में शामिल होने के सवाल पर वरुण गांधी ने कहा कि इसका सवाल ही नहीं उठता. जिस दिन मुझे बीजेपी छोड़नी होगी मैं सार्वजनिक जीवन से संन्यास ले लूंगा.
ग्राउंड रिपोर्ट: 2014 के लोकसभा चुनाव में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सहारनपुर, कैराना, मुज़फ़्फ़रनगर, मेरठ, बागपत, ग़ाज़ियाबाद, गौतम बुद्ध नगर और बिजनौर सीटों पर भाजपा जीती थी. हालांकि, कैराना में हुए उपचुनाव में गठबंधन प्रत्याशी तबस्सुम हसन ने रालोद से जीत हासिल की थी. धर्मेन्द्र सिंह भदौरिया की रिपोर्ट.
स्वतंत्रता के आंदोलन में आरएसएस की कोई भूमिका नहीं रही. आज़ादी के आंदोलन में हिस्सा लेने का उनका कोई इतिहास नहीं है इसीलिए वो समाजवाद के इतिहास को भी मिटाना चाहते हैं.
गोरखपुर और फूलपुर संसदीय सीटों के उपचुनाव में भाजपा की हार और सरकार की किरकिरी के बाद शुक्रवार देर रात प्रशासनिक व्यवस्था में बड़ा फेरबदल किया गया है.
बसपा से निष्कासित नेता नसीमुद्दीन सिद्दीक़ी के शामिल होने को लेकर कांग्रेस में विरोध के स्वर. उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने विरोध को लेकर अपने दो नेताओं से मांगा स्पष्टीकरण.
दोनों के एक साथ आने का पहला सियासी इम्तिहान 11 मार्च को उत्तर प्रदेश में होने वाले गोरखपुर अौर फूलपुर लोकसभा सीटों के उपचुनावों में होगा.
सपा अध्यक्ष ने कहा, जिन्हें पार्टी छोड़कर जाना हैं वे बिना कोई बहाना बनाए जा सकते हैं ताकि पता चले कि बुरे वक़्त में कौन साथ है.