वीडियो: हाल ही में संपन्न हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा ने योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य में दोबारा सरकार का गठन कर लिया है. कुछ दिन पहले ही योगी मंत्रिमंडल की घोषणा कर दी गई है. मंत्रिमंडल में सिर्फ़ एक मुस्लिम चेहरे दानिश आज़ाद अंसारी को शामिल किया गया है.
पुस्तक समीक्षा: रमाशंकर सिंह की किताब ‘नदी पुत्र: उत्तर भारत में निषाद और नदी’ हाल ही में प्रकाशित होकर आई है. इस किताब में नदियों के साथ जुड़ीं निषाद समुदाय की स्मृतियों, ऐतिहासिक दावेदारियों, सामाजिक गतिशीलता, अपवंचना और बहिष्करण के तत्वों की पड़ताल की गई है.
मामला कुशीनगर ज़िले का है, जहां 28 साल के बाबर अली को 20 मार्च को कथित तौर पर उनके पड़ोसियों ने बेरहमी से पीटा और छत से नीचे फेंक दिया था, जिसके बाद अस्पताल में उनकी मौत हो गई. उनके परिजनों का कहना है कि बाबर को भाजपा का प्रचार करने और जीत का जश्न मनाने के चलते पीटा गया, वहीं पुलिस का कहना है कि मामला नाली को लेकर विवाद का था.
क्या किसी सत्ता दल को मतदाताओं की नाराज़गी के आईने में अपनी शक्ल तभी देखनी चाहिए, जब वह उसे सत्तापक्ष से विपक्ष में ला पटके?
पूर्वी उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर ज़िले की डुमरियागंज सीट से नवनिर्वाचित सपा विधायक सैयदा ख़ातून ने कहा कि उनकी जीत से कुछ लोग बौखलाए हुए हैं, जो इस क्षेत्र को नफ़रत की आग में जलाना चाहते हैं. विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान इस सीट से दोबारा मैदान में उतरे भाजपा प्रत्याशी राघवेंद्र प्रताप सिंह के ख़िलाफ़ सांप्रदायिक बयानबाज़ी को लेकर एफ़आईआर दर्ज की गई थी.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में स्पष्ट बहुमत पाने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मतगणना के बारे में पिछले दो-तीन दिनों से जो भ्रामक प्रचार चलाए जा रहे थे उसे राज्य की जनता ने दरकिनार करते हुए भाजपा और सहयोगी दलों को प्रचंड बहुमत से विजयी बनाया है.
ग्राउंड रिपोर्ट: पूर्वांचल में मीडिया के एक तबके द्वारा बनाए गए ‘लाभार्थी नैरेटिव’ पर स्थानीय लोगों की बढ़ी हुई राजनीतिक चेतना हावी दिखती है. मीडिया में हो रही बहस के उलट ज़मीन पर तस्वीर कुछ अलग ही है.
आज़मगढ़ ज़िले के निज़ामाबाद विधानसभा क्षेत्र के कुम्हारों के बनाए नक्काशीदार काले बर्तन अपनी शानदार कारीगरी के लिए मशहूर हैं. हालांकि महंगे होते जा रहे संसाधनों और जनप्रतिनिधियों की बेरुख़ी के बीच यहां के कारीगर आजीविका कमाने के साथ-साथ इस कला को ज़िंदा रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
गोरखपुर ज़िले में कुल नौ विधानसभा क्षेत्र- गोरखपुर शहर, गोरखपुर ग्रामीण, पिपराइच, कैंपियरगंज, सहजनवा, चौरीचौरा, बांसगांव, खजनी और चिल्लूपार आते हैं, जिनमें से आठ पर पिछले चुनाव में भाजपा ने जीत दर्ज की थी. पहली बार विधानसभा चुनाव में उतरे योगी आदित्यनाथ के सामने अपनी सीट के साथ इन्हें भी बचाने की चुनौती है.
कुशीनगर ज़िले के तमकुहीराज विधानसभा क्षेत्र से पिछली दो बार से विजयी रहे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के लिए इस बार चुनावी लड़ाई आसान नहीं है. उनके विरोधी नेताओं और दलों की कड़ी घेराबंदी ने उनकी जीत की राह को कठिन बना दिया है.
गोरखपुर और बस्ती मंडल की कई विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों के प्रति मतदाताओं में उमड़ी हमदर्दी ने राजनीतिक दलों के बने-बनाए समीकरण उलट दिए हैं.
वीडियो: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और अन्य मसलों को लेकर काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत राजेंद्र प्रसाद तिवारी से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
नवीं कक्षा में पढ़ने वाले मोहम्मद मेराज अहमद की स्पेशल साइकिल चुनावी मौसम में चौरी चौरा विधानसभा क्षेत्र में एक स्टार प्रचारक का दर्जा पा चुकी है. मेराज अपने गांव और आस-पास के क्षेत्रों में रोज़ इसे लेकर प्रचार को निकलते हैं.
बात सत्ता हासिल करने की हो, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाजपा के स्टार प्रचारक नरेंद्र मोदी में बदल जाते हैं. हाल ही में किया गया उनका हमला समाजवादी पार्टी या साइकिलों पर नहीं, ख़ुद उनके पद की गरिमा पर है.
ग्राउंड रिपोर्ट: इलाहाबाद की कोरांव विधानसभा में आने वाले सलैया कलां गांव में मेजा ऊर्जा निगम प्राइवेट लिमिटेड का थर्मल प्लांट बनाने के लिए विस्थापित किए गए लोगों को बसाया गया था. बिजली, पानी और साफ़-सफाई जैसी बुनियादी सुविधाओं को तरस रहे इस गांव के रहवासियों का कहना है कि भाजपा ने उन्हें निराश किया है और अब वे सपा से उनकी समस्याएं दूर करने की आशा कर रहे हैं.