2014 में नई सरकार के गठन से भारत और श्रीलंका के रिश्तों में गिरावट आई: महिंदा राजपक्षे

श्रीलंका के विपक्ष के नेता महिंदा राजपक्षे ने कहा कि उनके कामकाजी संबंध जिस प्रकार भारत की पूर्ववर्ती यूपीए सरकार से रहे थे, वैसे संंबंध प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार के साथ नहीं हैं.

रिज़र्व बैंक की स्वायत्तता की रक्षा कर अपना धर्म निभाए शक्तिकांत दास: आरबीआई के पूर्व गवर्नर

भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी. रंगराजन ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि नए गवर्नर शक्तिकांत दास आरबीआई की स्वायत्तता के साथ किसी भी तरह का समझौता किए बिना सरकार और रिज़र्व बैंक के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करने में सक्षम होंगे.

सरकार ने संसद को नहीं बताया रघुराम राजन द्वारा भेजे गए घोटालेबाज़ों के नाम, कहा- केस दर्ज हुआ है

बीते अगस्त महीने में वित्त मंत्रालय ने संसद में बताया था कि वित्त वर्ष 2015-16 से लेकर 2017-18 के बीच फ्रॉड की वजह से बैंकों को 69,755 करोड़ रुपये तक का नुकसान हुआ है. सीबीआई 292 बैंक फ्रॉड के मामलों की जांच कर रही है.

राजग से अलग होने के बाद संप्रग में शामिल हुए उपेंद्र कुशवाहा

संघ का एजेंडा लागू करने का आरोप लगाकर बीते दिनों केंद्र और बिहार में सत्तारूढ़ राजग सरकार से राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा अलग हो गए थे.

क्या आरबीआई के नए गवर्नर शक्तिकांत दास अपनी निष्ठा बदल पाएंगे?

पहले भी केंद्र सरकार के करीबी माने जाने वाले अधिकारी आरबीआई तक पहुंचे हैं, लेकिन उन्होंने अपनी आवाज़ को आज़ाद रखा. क्या शक्तिकांत दास ऐसा कर पाएंगे?

सरकार केंद्रीय सूचना आयुक्तों को मुक़दमों के ज़रिये डरा रही है: पूर्व सूचना आयुक्त

पूर्व सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलू ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर कहा है कि केंद्रीय सूचना आयोग को सरकार द्वारा उसके ख़िलाफ़ दायर मुक़दमों के ख़तरे का सामना करना पड़ रहा है.

जीडीपी विकास के नए आंकड़ों पर भरोसा करना क्यों मुश्किल है

अर्थशास्त्र का नियम है कि ज़्यादा निवेश, बढ़ी हुई जीडीपी का कारण बनता है, ऐसे में निवेश-जीडीपी अनुपात में कमी आने के बावजूद जीडीपी में बढ़ोतरी कैसे हो सकती है?

बड़े ब्रांड्स को पीछे छोड़ भाजपा बनी टीवी की सबसे बड़ी विज्ञापनदाता

ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल द्वारा जारी हालिया आंकड़ों के मुताबिक 12 से 16 नवंबर के बीच टीवी चैनलों पर 22,099 बार भाजपा का विज्ञापन दिखाया गया. यह आंकड़ा देश के दूसरे सबसे बड़े टीवी विज्ञापनदाता नेटफ्लिक्स से 10,000 ज़्यादा है.

केंद्रीय सूचना आयोग को शर्मिंदा होना चाहिए कि आरबीआई उसके आदेशों को नहीं मान रहा: सूचना आयुक्त

सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलु ने मुख्य सूचना आयुक्त आरके माथुर को पत्र लिखकर कहा कि आरबीआई द्वारा जानबूझकर कर्ज़ न चुकाने वाले लोगों की जानकारी नहीं देने पर केंद्रीय सूचना आयोग को सख़्त कदम उठाना चाहिए.

सीआईसी की पीएमओ को फटकार, रघुराम राजन द्वारा भेजे गए घोटालेबाजों के नाम सार्वजनिक करने को कहा

सीआईसी ने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि पीएमओ जानकारी देने से मना कर रहा है. उनका नैतिक, संवैधानिक और राजनीतिक कर्तव्य है कि वो भारत के नागरिकों को बड़े बैंक डिफॉल्टर्स और उनके खिलाफ की गई कार्रवाई की जानकारी दे.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन, आरबीआई ने तीन साल बाद भी नहीं बताया शीर्ष 100 डिफॉल्टरों के नाम

विशेष रिपोर्ट: सुप्रीम कोर्ट ने तीन साल पहले दिसंबर 2015 में आरबीआई की सभी दलीलों को ख़ारिज करते हुए अपने फैसले में कहा था कि आरबीआई देश के शीर्ष 100 डिफॉल्टरों के बारे में जानकारी दे और इससे संबंधित सूचना वेबसाइट पर अपलोड करे.

सीआईसी का आदेश, रघुराम राजन द्वारा भेजी गई घोटालेबाजों की सूची पर सरकार जानकारी दे

केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने 50 करोड़ रुपये और उससे अधिक का ऋण लेने और जानबूझकर उसे नहीं चुकाने वालों के नाम के संबंध में सूचना नहीं उपलब्ध कराने को लेकर आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल को कारण बताओ नोटिस भेजा है.

हमें नहीं पता था कि पिछला राफेल सौदा रद्द हो गया है: हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के अध्यक्ष ने कहा कि जैसा कि राफेल सौदे में सरकार सीधे शामिल थी इसलिए हम विमान की कीमत और नीतियों पर टिप्पणी नहीं कर सकते.

रघुराम राजन ने मोदी को ही भेजी थी एनपीए घोटालेबाज़ों की सूची, कार्रवाई पर सरकार की चुप्पी

द वायर एक्सक्लूसिव: एक आरटीआई के जवाब में आरबीआई ने बताया कि पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत वित्त मंत्रालय को एनपीए घोटालेबाज़ों की सूची भेजी थी. सूची के संबंध में हुई कार्रवाई पर जानकारी देने से केंद्र सरकार का इनकार.

मोदी राज की मेहरबानी- अमीरों के 3 लाख करोड़ लोन माफ़ हुए, मंत्री ने ट्वीट तक नहीं किया

मोदी सरकार के चार सालों में 21 सरकारी बैंको ने 3 लाख 16 हज़ार करोड़ के लोन माफ़ किए हैं. यह भारत के स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा के कुल बजट का दोगुना है. सख़्त और ईमानदार होने का दावा करने वाली मोदी सरकार में तो लोन वसूली ज़्यादा होनी चाहिए थी, मगर हुआ उल्टा. एक तरफ एनपीए बढ़ता गया और दूसरी तरफ लोन वसूली घटती गई.

1 2 3 4 5 7