घटना चंपावत ज़िले के सुखीढांग के एक सरकारी स्कूल की है, जहां 66 छात्रों में से 40 ने इस महीने की शुरुआत में नियुक्त एक दलित महिला द्वारा तैयार खाना खाने से मना कर दिया था. काम से हटाए जाने के बाद महिला ने उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराते हुए आपत्ति जताने वाले छात्रों के माता-पिता के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की है.
उत्तराखंड के चंपावत ज़िले में बीते 28 नवंबर का हुई घटना. पीड़ित परिवार का कहना है कि दलित रमेश राम को अस्पताल ले जाने से पहले कई घंटों तक शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया, जिसके बाद 29 नवंबर को उन्होंने दम तोड़ दिया. पुलिस ने इस संबंध में अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है, लेकिन अभी तक किसी की गिरफ़्तारी नहीं हुई है.
मामला हरियाणा के जींद ज़िले के उचाना विधानसभा क्षेत्र के छातर गांव का है. आरोप है कि एक दलित युवक की पिटाई करने वाले सवर्ण जाति के युवक की शिकायत पुलिस से करने पर 150 दलित परिवारों का सामाजिक बहिष्कार किया गया है. पुलिस ने इस संबंध में गांव के ही 23 लोगों के ख़िलाफ़ एससी/एसटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है.
बीते दिनों गोरखपुर ज़िले के उरुवा ब्लॉक में ग्राम पंचायत अधिकारी अनीश कुमार की सरेबाज़ार हत्या कर दी गई थी. अनीश ने अपनी सहकर्मी दीप्ति मिश्रा से अंतरजातीय विवाह किया था. बताया गया है कि दीप्ति के दलित व्यक्ति से विवाह करने से नाराज़ उनका परिवार काफ़ी समय से अनीश को धमका रहा था.
घटना 18 जुलाई को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर ज़िले के बड़गांव थाना क्षेत्र के शिमलाना गांव में हुई थी. इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने बताया कि नाई समेत सात आरोपियों के ख़िलाफ़ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत केस दर्ज किया गया है.
बीते महीने बिहार के दरभंगा ज़िले की अदलपुर पंचायत में मुस्लिमों के अत्यंत पिछड़ा वर्ग से आने वाले और अमूमन सामाजिक उपेक्षा का शिकार रहे 'फ़कीर' समुदाय के दो बच्चे हाईस्कूल की दहलीज़ तक पहुंचे, वहीं गांव के ही दो दलित बच्चों ने पहली बार मैट्रिक पास किया है.
कई राज्यों की जेलों के मैनुअल कारागार के अंदर किए जाने वाले कामों का निर्धारण जाति के आधार पर करने की बात कहते हैं.
योगी आदित्यनाथ सरकार के नए क़ानून का उद्देश्य केवल ध्रुवीकरण नहीं बल्कि स्त्रियों को उनके अधिकारों और अपने लिए निर्णय लेने की उनकी क्षमता से उन्हें वंचित करना भी है.
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लाया गया ‘लव जिहाद' कानून और कुछ नहीं मनुस्मृति का ही नया रूप है, जो महिलाओं को समुदाय की संपत्ति मानकर ग़ुलाम बनाता है और संघर्षों से हासिल किए हुए अधिकारों को फिर छीन लेना चाहता है. यह जितना मुस्लिम विरोधी है, उतना ही हिंदू महिलाओं और दलितों का विरोधी भी है.
हिंदू राष्ट्र का ढांचा और उसकी दिशा मनुस्मृति में बताए क़ानूनी ढांचे के अंतर्गत ही तैयार होंगे और ये क़ानून जन्म-आधारित असमानता के हर पहलू- सामाजिक, आर्थिक और लैंगिक, सभी को मज़बूत करने वाले हैं.
भारतीय समाज में आप भले ही जाति को मौजूद न जानें, लेकिन जाति सबको जानती है.
कंगना रनौत का एक साथी महिला कलाकार के काम को नकारते हुए उन्हें नीचा दिखाने का प्रयास और घर गिराए जाने की तुलना बलात्कार से करना दिखाता है कि फेमिनिज़्म को लेकर उनकी समझ बहुत खोखली है.
बीते रविवार को अभिनेत्री कंगना रनौत ने ट्विटर पर भारत में जाति-व्यवस्था, आरक्षण और भेदभाव को लेकर टिप्पणियां की थीं.
पुस्तक अंश: मोदीनामा किताब का पांचवां अध्याय ‘मनु का सम्मोहन’ बताता है कि भारत के संविधान के ऐलान को डाॅ. आंबेडकर ने मनु के शासन की समाप्ति कहा था, बावजूद इसके मनु की वापसी हो रही है.
तमिलनाडु के वेल्लोर ज़िले में दलितों के एक श्मशान घाट तक जाने वाले रास्ते को बाधित किए जाने के मामले का हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. रास्ता बाधित किए जाने से समुदाय के लोग अपने संबंधियों के शव को एक नदी पर स्थित पुल से नीचे गिराने के लिए मजबूर हैं.