2019 में केंद्र सरकार ने रेलवे में भर्ती के लिए भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा को मंज़ूरी दी थी, पर इससे पर्याप्त तकनीकी कर्मचारी न मिलने के चलते यूपीएससी द्वारा करवाई जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा और इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा वापस गई है.
मंत्रालयों में लैटरल एंट्री को लेकर विपक्ष के साथ एनडीए के सहयोगी दलों के विरोध के बीच केंद्र सरकार ने इस फैसले को वापस ले लिया है. विपक्ष ने इस निर्णय को आरक्षण विरोधी बताया था.
एनडीए गठबंधन में शामिल लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष और केंद्र सरकार में मंत्री चिराग पासवान ने लैटरल एंट्री को ग़लत बताते हुए कहा है कि उनकी पार्टी ऐसी नियुक्तियों के बिल्कुल पक्ष में नहीं है.
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने 24 केंद्रीय मंत्रालयों में लैटरल एंट्री योजना के माध्यम से संयुक्त सचिव, उप सचिव और निदेशक के 45 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया है. योजना के तहत सरकारी विभागों में अनुबंध के आधार पर विशेषज्ञों की नियुक्ति इंटरव्यू के जरिए सीधी भर्ती के माध्यम से की जाती है.
केंद्रीय आदिवासी मामलों और जलशक्ति राज्य मंत्री बिश्वेश्वर टुडू ने बीते शनिवार को ओडिशा के बालासोर ज़िले के बलियापाल में एक सरकारी स्कूल के स्वर्ण जयंती समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में एक सभा को संबोधित करते हुए ये टिप्पणी की.
ऐसा बताया जाता है कि जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तो मनोज सोनी उनके भाषण लेखकों में से एक थे. नरेंद्र मोदी से नज़दीकी के चलते उन्हें 'छोटे मोदी' भी कहा जाता है. अब यूपीएससी अध्यक्ष के तौर पर उनकी नियुक्ति को विभिन्न आयोगों और केंद्रीय संस्थानों का भगवाकरण किए जाने के रूप में देखा जा रहा है.
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) सिविल सेवा मेन्स की जनवरी में हुई परीक्षा में कई छात्र कोरोना की वजह से शामिल नहीं हो पाए थे और अब वे अतिरिक्त मौका दिए जाने की मांग कर रहे हैं. अदालत ने केंद्र सरकार को इन छात्रों को लेकर दो हफ़्ते के भीतर फैसला करने को कहा है.
सिविल सेवा और अन्य सरकारी परीक्षाओं की तैयारी का गढ़ माने जाने वाले दिल्ली के मुखर्जी नगर में छात्र प्रदर्शन के साथ क्रमिक भूख हड़ताल पर हैं. इनकी मुख्य मांग है कि इन्हें सिविल सेवा परीक्षा में अतिरिक्त मौका दिया जाए. हालांकि सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने हलफ़नामा दाख़िल कर कहा है कि ऐसा करना संभव नहीं है.
यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में सफल रहे तीन छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अनुरोध किया है कि उन्हें परीक्षा में शामिल होने के लिए एक अतिरिक्त अवसर दें या परीक्षा परिणाम आने से पहले उनके शेष पेपर की परीक्षा की कुछ व्यवस्था करें. कोविड-19 से पीड़ित होने के कारण तीनों छात्र पिछले महीने संपन्न मुख्य परीक्षा के सभी पेपरों में उपस्थित नहीं हो सके थे.
वीडियो: कोरोना वायरस महामारी ने देश के हर वर्ग को प्रभावित किया है. प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रतिभागी भी इससे अछूते नहीं रहे हैं. इन्हीं में से एक यूपीएससी के प्रतिभागी सरकार से परीक्षा में शामिल होने का एक और मौका देने की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. उनका कहना है कि कोविड-19 के कारण वो परीक्षा की तैयारी नहीं कर पाए और उनको सरकार द्वारा न्याय मिलना चाहिए.
वीडियो: कोरोना संकट के बीच सिविल सेवा के हज़ारों प्रतिभागी परीक्षा में बैठने के लिए अयोग्य हो गए हैं. फिलहाल वे दोबारा परीक्षा की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं. बीते दिनों उन्होंने राजधानी दिल्ली में इस मांग के साथ प्रदर्शन किया था.
लैटरल एंट्री के तहत नियुक्त किए गए इन लोगों में से तीन संयुक्त सचिव, 19 निदेशक और नौ उप-सचिव बनाए गए हैं. मोदी सरकार द्वारा लाई गई इस नई व्यवस्था के तहत ऐसे लोगों को मंत्रालयों में अधिकारी बनाया जाता है, जिन्होंने सिविल सर्विस परीक्षा पास नहीं की है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद संघ लोक सेवा आयोग ने कहा कि उसने राष्ट्रीयता, आयु, शैक्षणिक योग्यता आदि मापदंडों पर खरी उतरने वाली अविवाहित महिला उम्मीदवारों के लिए राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और नौसेना अकादमी परीक्षा के आवेदन की व्यवस्था करने का निर्णय किया है. पात्र महिलाएं आयोग की वेबसाइट पर 24 सितंबर से आठ अक्टूबर शाम छह बजे तक आवेदन कर सकती हैं.
इससे पहले बीते आठ अगस्त को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के तहत सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की नियुक्ति परीक्षा में पश्चिम बंगाल में इस साल अप्रैल में हुए विधानसभा चुनाव के बाद हिंसा और तीन विवादास्पद कृषि क़ानूनों के विरोध में हो रहे किसान आंदोलन को लेकर सवाल पूछे गए थे.
बीते आठ अगस्त को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के तहत सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ़) की नियुक्ति परीक्षा में पश्चिम बंगाल में इस साल अप्रैल में हुए विधानसभा चुनाव के बाद हिंसा और तीन विवादास्पद कृषि क़ानूनों के विरोध में किसान आंदोलन को लेकर सवाल पूछे गए थे. ममता बनर्जी ने भाजपा पर यूपीएससी जैसे संस्थानों को बर्बाद करने और निष्पक्ष संस्था के तौर पर इसकी नींव कमज़ोर करने का आरोप लगाया.