अमेरिकी अदालत ने 26/11 के आरोपी के भारत प्रत्यर्पण पर रोक लगाई

मई में एक अमेरिकी ज़िला अदालत ने 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों के सिलसिले में वॉन्टेड पाकिस्तानी-कनाडाई कारोबारी तहव्वुर राना के भारत प्रत्यर्पण का आदेश दिया था. इसे राना ने नाइंथ सर्किट कोर्ट में चुनौती दी थी.

भारतीय सेना ने ड्रोन निर्माण में चीनी पुर्ज़ों के इस्तेमाल पर रोक लगाई: रिपोर्ट

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट बताती है कि भारतीय सेना ने घरेलू स्तर पर निर्मित निगरानी ड्रोन में चीनी उपकरणों और पुर्ज़ों के इस्तेमाल पर रोक लगाते हुए कहा कि ऐसे पुर्ज़ों में 'सुरक्षा ख़ामियां' होती हैं जो महत्वपूर्ण भारतीय सैन्य डेटा को ख़तरे में डाल सकती हैं.

भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी का भ्रम

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन दावा करते हैं कि उनकी हुकूमत का केंद्रीय उसूल ‘लोकतंत्र की रक्षा’ है. यह बात सराहने लायक़ है, लेकिन भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के समय वॉशिंगटन में जो कुछ हुआ वह ठीक इसका उल्टा था. अमेरिकी हुक्मरान जिस शख़्स के आगे बिछे हुए थे, उसने भारतीय लोकतंत्र को बहुत व्यवस्थित तरीक़े से कमज़ोर किया है.

रूपेश समेत सभी पत्रकारों की रिहाई पत्रकारिता ही नहीं, लोकतंत्र बचाने का अनिवार्य हिस्सा है

रूपेश कुमार सिंह की दोबारा गिरफ़्तारी को सालभर हो गया है और इस बीच उन्हें चार नए मामलों में आरोपी बनाया गया है. बीते दिनों प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका दौरे पर ‘वाशिंगटन पोस्ट’ ने पूरे एक पन्ने पर भारतीय जेलों में बंद पत्रकारों की रिहाई की मांग उठाई थी. भारत में भी ऐसी मांग उठाना ज़रूरी है.

ह्वाइट हाउस में नरेंद्र मोदी का सफ़ेद झूठ

एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत में मुसलमानों को व्यवस्थित रूप से निशाना बनाने को लेकर नरेंद्र मोदी का स्पष्ट इनकार उन पत्रकारों के लिए चौंकाने वाला है जो उनकी सरकार के समय में देश के मुस्लिमों के साथ रोज़ाना हो रहे अन्याय और उत्पीड़न को दर्ज कर रहे हैं.

हम लोगों से किए गए प्राइवेसी के वादे को कभी नहीं तोड़ेंगे: सिग्नल निदेशक मेरेडिथ ह्विटेकर

साक्षात्कार: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सिग्नल की प्रेसिडेंट मेरेडिथ ह्विटेकर का मानना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को विनियमित किया जाना चाहिए. साथ ही वे मानती हैं कि यूज़र्स की निजता के साथ कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए.

अमेरिका में प्रधानमंत्री मोदी का भारत में भेदभाव न होने का दावा क्या वाकई में सच है?

वीडियो: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौ वर्षों में पहली बार अमेरिका के दौरे पर प्रेस कॉन्फ्रेन्स में हिस्सा लिया, जहां उनसे भारत में मुस्लिमों और धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों को लेकर सवाल पूछा गया. इसके जवाब में उन्होंने देश में कोई भेदभाव न होने की बात कही, लेकिन क्या यह सच है? 

मणिपुर हिंसा: जनजाति समूहों का ह्वाइट हाउस के बाहर प्रदर्शन, पीएम मोदी से चुप्पी तोड़ने की अपील

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीते 22 जून को ह्वाइट हाउस पहुंचे थे. इस दौरान नॉर्थ अमेरिकन मणिपुर ट्राइबल एसोसिएशन के सदस्यों ने प्रदर्शन कर राज्य में चल रही जातीय हिंसा पर सरकार की कथित उदासीनता और उसके द्वारा मेईतेई समुदाय का कथित तौर पर समर्थन करने का मुद्दा उठाया.

अमेरिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी: जनतंत्र की मृत्यु का महाभोज

वीडियो: क्या नरेंद्र मोदी का संयुक्त राष्ट्र अमेरिका का दौरा उतनी बड़ी उपलब्धि है, जितनी भारतीय मीडिया बता रहा है? इस बारे में चर्चा कर रहे हैं दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद और द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन.

भारतीय लोकतंत्र संबंधी चिंताओं को कूटनीतिक बातचीत में जगह मिलनी चाहिए: बराक ओबामा

एक टीवी इंटरव्यू में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि अगर वे नरेंद्र मोदी से बातचीत करते तो देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का ज़िक्र होता. उधर, अमेरिका में राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ एक संयुक्त प्रेस वार्ता में पीएम मोदी ने कहा कि भारत में धर्म, जाति आदि के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है.

अमेरिकी राष्ट्रपति से मोदी के समक्ष भारत में प्रेस स्वतंत्रता संबंधी मुद्दे उठाने की अपील

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय राजकीय यात्रा पर अमेरिका गए हुए हैं. इंटरनेशनल प्रेस इंस्टीट्यूट ने एक बयान जारी करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से आह्वान किया है कि उन्हें इस अवसर का उपयोग भारत में प्रेस की स्वतंत्रता से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों को मोदी के समक्ष उठाने के लिए करना चाहिए.

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