नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण ने उत्तर प्रदेश पुलिस में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए पांच आईपीएस अधिकारियों के ख़िलाफ़ पोस्टिंग के बदले रिश्वत लेने का आरोप लगाया था. इस संबंध में उत्तर प्रदेश शासन को भेजा गया उनका एक गोपनीय दस्तावेज़ मीडिया में लीक हो गया था.
उत्तर प्रदेश के नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण द्वारा मुख्यमंत्री और डीजीपी को भेजी गई रिपोर्ट तब सार्वजनिक हो गई जब एक कथित वीडियो सेक्स चैट वायरल हो गया था. रिपोर्ट में एसएसपी ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों पर आरोप लगाया था कि वे पैसे लेकर ट्रांसफर-पोस्टिंग के साथ केसों और गिरफ्तारियों को भी प्रभावित करते थे. इस संबंध में डीजीपी ने एसएसपी से जवाब मांगा है.
राज्य के प्रमुख सचिव ने कहा, चंद रोज पहले से डॉ. कफील खान जिन बिंदुओं पर क्लीन चिट मिलने का दावा कर रहे हैं, उन बिंदुओं पर जांच अभी पूरी भी नहीं हुई है. इसलिए क्लीन चिट की बात बेमानी है.
यह मामला उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित बीआरडी मेडिकल अस्पताल का है, जहां अगस्त 2017 में कथित तौर पर ऑक्सीजन की कमी से एक हफ्ते में 60 से अधिक बच्चों की मौत हो गई थी. इस मामले में डॉ. कफ़ील ख़ान को दोषी ठहराया गया था.
उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर में 2013 को हुए दंगों में हत्या के गवाहों के अपने बयान से मुकर जाने के बाद अदालत ने सभी 10 मुक़दमों के आरोपियों को रिहा कर दिया. मुज़फ़्फ़रनगर दंगों में 65 लोगों की मौत हुई थी.
आरोप था कि मुज़फ़्फ़रनगर दंगों के दौरान सात सितंबर 2013 को ज़िले के लिसाढ गांव के घरों में आग लगा दी गई थी और लूटपाट की गई थी.
साहित्य संस्था के महासचिव दिनेश चंद्र अवस्थी ने कहा कि राजनीतिक विवाद से बचने के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर रविकांत के पुरस्कार को रद्द किया गया.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर में अलग-अलग घटनाओं में दो चचेरे भाइयों गौरव और सचिन के साथ एक अन्य युवक शाहनवाज कुरैशी की हत्या हो गई थी जिसके बाद पूरे इलाके में हिंसा फैल गई थी. इस दौरान 62 लोगों की मौत हुई थी जबकि 50 हजार से ज़्यादा लोग विस्थापित हो गए थे.
पर्यावरण वैज्ञानिक डॉक्टर सीमा जावेद ने कुंभ के दौरान इलाहाबाद की हवा इतनी खराब होने पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि एनजीटी के आदेश के बावजूद इलाहाबाद में वायु की गुणवत्ता पर नजर रखने के सरकारी प्रयास नहीं हो रहे हैं.
दंगों के लगभग 20 मामलों में विधायक और सांसद भी आरोपियों की सूची में हैं. पुलिस ने भाजपा विधायक उमेश मलिक, भाजपा सांसद भारतेंदु सिंह, हिंदुत्ववादी नेता साध्वी प्राची और अन्य के ख़िलाफ़ इसमें उनकी कथित भूमिका के लिए मामला दर्ज किया था.
उत्तर प्रदेश सरकार यदि इंसेफलाइटिस से मौतों में कमी आने का दावा कर रही है तो उसे पिछले पांच वर्षों का अगस्त महीने तक गोरखपुर स्थित बीआरडी मेडिकल कॉलेज में मरीजों की संख्या और मौतों की रिपोर्ट जारी करनी चाहिए.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का कहना है कि बीआरडी अस्पताल में बच्चों की मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई थी.
जिस जनता के दम पर नेता जीत कर सरकार बना लेते हैं उस सरकार के सामने जनता लगातार हार रही है. उसका जनता बनना बाकी है. वह धार्मिक उन्माद, जातिवादी अहंकार के पीछे दौड़कर ख़ुद को जनता समझती रहे मगर जब भी वह आवाज़ उठाएगी, कुचल दी जाएगी.
पीठ ने ताजमहल और पेरिस में एफिल टावर के बीच तुलना करते हुए कहा कि यह स्मारक संभवत: ज़्यादा ख़ूबसूरत है, लेकिन भारत वहां के ताजमहल के मौजूदा हालातों की वजह से लगातार पर्यटक और विदेशी मुद्रा गंवा रहा है.
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में साल 2017 में छह महीनों में 1,201 बच्चों की मौत हुई थी. दोनों वर्ष के आंकड़ों से पता चलता है कि नियोनेटल डेथ में कमी आई है जबकि इंसेफलाइटिस से बच्चों की मौत बढ़ गई है.