एक महीने में छठी बार उत्तर प्रदेश पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, हिंदुस्तान को बनाने में उद्योगपतियों की भी अहम भूमिका है उन्हें अपमानित करना पूर्णतया ग़लत है. कुछ लोग उद्योगपतियों के साथ फोटो खिंचाने से डरते हैं.
विवाद होने पर डीएसपी रैंक के संबंधित अधिकारी प्रवीण सिंह जो गोरखनाथ क्षेत्र के सर्कल अधिकारी हैं, ने कहा कि यह केवल बाबा गोरखनाथ के प्रति उनकी सच्ची श्रद्धा है, इससे ज़्यादा कुछ नहीं.
रेलवे की लापरवाही से व्यापारी का 10 लाख रुपये की खाद बर्बाद. खाद मालिक का आरोप कई बार शिकायत दर्ज कराने के बाद भी रेलवे ने ध्यान नहीं दिया.
दोनों लड़कियां इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पढ़ाई करती हैं. बताया जा रहा है कि दोनों समाजवादी पार्टी की छात्र इकाई से जुड़ी हुई हैं.
सांप्रदायिक हिंसा की सबसे ज़्यादा घटनाएं उत्तर प्रदेश में हुईं. यहां 2014 से लेकर 2017 तक में 645 मामले सामने आए जिसमें 121 लोग मारे गए. ये आंकड़ा सभी राज्यों में मारे गए लोगों का लगभग 32 प्रतिशत है.
देवरिया ज़िले के सलेमपुर क्षेत्र में स्थित प्राथमिक स्कूल नवलपुर का मामला. स्कूल में शुक्रवार को छुट्टी होती थी और रविवार को स्कूल खुलता था.
बसपा के पूर्व सांसद हाजी शाहिद अख़लाक़ के छोटे भाई की मीट प्रोसेसिंग कंपनी है. घटना में एक मज़दूर व दो कर्मचारी बाल-बाल बच गए. कंपनी के लोग शवों को एक निजी अस्पताल के बाहर फेंककर फरार हो गए.
हादसे के मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए गए. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में विशेष कार्य अधिकारी को हटाया गया. छह मंज़िला निर्माणाधीन इमारत के गिरने से बगल की दूसरी इमारत भी गिरी. इमारत का निर्माण अवैध तरीके से हुआ होना बताया जा रहा है.
वीडियो: हापुड़ लिंचिंग मामले के पीड़ित परिवारों की कबीर अग्रवाल से बातचीत.
जिस जनता के दम पर नेता जीत कर सरकार बना लेते हैं उस सरकार के सामने जनता लगातार हार रही है. उसका जनता बनना बाकी है. वह धार्मिक उन्माद, जातिवादी अहंकार के पीछे दौड़कर ख़ुद को जनता समझती रहे मगर जब भी वह आवाज़ उठाएगी, कुचल दी जाएगी.
वीडियो: हापुड़ लिंचिंग मामले में कथित गोरक्षकों ने जहां कासिम नाम के एक व्यक्ति की निर्मम हत्या कर दी थी, वहीं बेरहमी से पीटकर मोहम्मद समीउद्दीन को अधमरा कर दिया गया था. एक महीने अस्पताल में रहने के बाद अब बाहर आए समीउद्दीन से कबीर अग्रवाल की बातचीत.
उत्तर प्रदेश के हापुड़ में गोहत्या के शक में भीड़ द्वारा किए हमले में बुरी तरह घायल हुए समीउद्दीन को महीने भर बाद अस्पताल से छुट्टी मिली है. उनका कहना है कि वे मामले के चश्मदीद हैं, लेकिन पुलिस उनका बयान नहीं ले रही है.
संभल ज़िले के पाठकपुर गांव का मामला. पुलिस ने पांच में से तीन आरोपियों को गिरफ़्तार किया. लापरवाही बरतने को लेकर दारोगा समेत दो सिपाही लाइनहाज़िर.
2017 में सड़क पर गड्ढों के चलते 3597 लोग मारे गए, जबकि आंतकी घटनाओं में 803 लोगों की मौत हुई थी.
वर्ष 2013 के मुज़फ़्फ़रनगर दंगे से संबंधित करीब 131 मामले वापस लेने के उत्तर प्रदेश सरकार के निर्णय के ख़िलाफ़ एक दंगा पीड़ित व्यक्ति ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर हस्तक्षेप की मांग की है.