पिछले कुछ दिनों के भीतर उत्तराखंड कांग्रेस में गुटबाज़ी खुलकर सामने आ गई है. प्रदेश में पार्टी के सबसे कद्दावर नेता हरीश रावत ने 'संगठन का सहयोग न मिलने' की तंज़ भरे लहज़े में शिकायत की और राजनीति से 'विश्राम' का शिगूफ़ा छोड़ दिया, जिसके बाद पार्टी आलाकमान ने उन्हें दिल्ली बुलाया.
उत्तराखंड में प्रस्तावित विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने संगठन पर उनके साथ असहयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि अब आराम करने का समय है. उनकी भावनाओं पर सहमत होते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रमुख गणेश गोडियाल ने कहा कि यह एक संगठनात्मक विषय है, जिसका हल पार्टी आलाकमान के साथ परामर्श कर किया जाएगा.
उत्तराखंड में अगले कुछ महीनों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में गतिरोध उभरने लगा है. पार्टी के वरिष्ठ नेता और मुख्यमंत्री रह चुके हरीश रावत ने संगठन पर उनके साथ असहयोग करने के आरोप लगाए हैं. बताया जा रहा है कि राज्य में कांग्रेस प्रभारी देवेंद्र यादव और हरीश रावत के आपसी संबंध बहुत अच्छे नहीं हैं. रावत, यादव के कामकाज की शैली से नाखुश हैं और उन्हें ख़ुद को दरकिनार करने के प्रयास का संदेह है.