उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण (एसएलए) ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि उसने ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक रूल्स, 1945 के बार-बार उल्लंघन के लिए पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड और दिव्य फार्मेसी के 14 उत्पादों के मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.
आयुष मंत्रालय द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफ़नामे से पता चलता है कि उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण पतंजलि के भ्रामक विज्ञापनों के ख़िलाफ़ की गई शिकायतों पर चेतावनी देने और कंपनी को विज्ञापन बंद करने के लिए कहने के अलावा दो साल से अधिक समय तक कोई कार्रवाई नहीं की.