देश भर में पांच करोड़ से अधिक लंबित प्रकरण: चीफ जस्टिस संजीव खन्ना के सामने प्रमुख चुनौती

सुप्रीम कोर्ट के प्रत्येक जज पर 2,575 केस, उच्च अदालत के हर जज पर 8,008 केस और निचली अदालतों के प्रति जज पर 2,218 केस की सुनवाई की ज़िम्मेदारी है. इस तरह देश प्रत्येक जज की डेस्क पर 2,427 प्रकरण लंबित पड़े हैं.

सरकारें सबसे बड़ी मुक़दमेबाज़, कार्यकापालिका-विधायिका के चलते लंबित मामलों की भरमार: सीजेआई

प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना में एक कार्यक्रम में कहा कि यह एक अच्छी तरह से स्वीकार किया गया तथ्य है कि सरकारें सबसे बड़ी मुक़दमेबाज़ हैं, जो लगभग 50 प्रतिशत मामलों के लिए ज़िम्मेदार हैं. सीजेआई ने यह भी कहा कि अदालतों में स्थानीय भाषा का उपयोग करने जैसे सुधारों को एक दिन में लागू नहीं किया जा सकता, क्योंकि कई तरह की अड़चनों के कारण ऐसी चीज़ों के कार्यान्वयन में समय लगता है.