क़ानून मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक उच्च न्यायालयों में 420 न्यायाधीशों की कमी है, जो इस वर्ष अब तक सर्वाधिक है. एक अक्टूबर तक उच्च न्यायालयों में 659 न्यायाधीश थे, जबकि कुल मंज़ूर पद 1079 हैं.
उच्च न्यायालयों में कुल 1,079 न्यायाधीश होने चाहिए. क़ानून मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक एक सितंबर को हाईकोर्ट में जजों के 414 पद खाली थे, जो इस साल की अब तक की सर्वाधिक रिक्तियां हैं.
एक याचिका में राजधानी की बढ़ती आबादी और बढ़ते अपराध को ध्यान में रखते हुए दिल्ली पुलिस में जवानों की स्वीकृत संख्या को बढ़ाने और अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की नियुक्ति किए जाने का आदेश देने की मांग की गई थी.
आंध्र प्रदेश, बॉम्बे, कलकत्ता, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, केरल, कर्नाटक और मणिपुर की उच्च अदालतें बगैर किसी नियमित मुख्य न्यायधीश के काम कर रही हैं.