मामला मध्य प्रदेश के ग्वालियर ज़िले का है, जहां के निवासी अक्षय भटनागर ने बताया कि मई महीने में कोरोना संक्रमण के चलते उनके भाई गुज़र गए थे, लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से दिसंबर में आए एक मैसेज में कहा गया कि उनके भाई को कोविड रोधी टीके की दूसरी डोज़ लग गई है.
कोर्ट ने कहा कि टीकाकरण योजना ने भारत में नागरिकों के दो वर्ग बना दिए हैं. इसमें एक तरफ़ कोवैक्सीन लेने वाले नागरिक शामिल हैं जिनकी आवाजाही पर पाबंदी है, वहीं दूसरी ओर वो हैं जिन्होंने कोविशील्ड टीका लिया और वे कहीं भी जा सकते हैं. इसके चलते ‘आवाजाही के मौलिक अधिकार का उल्लंघन’ हुआ है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, इन 48 ज़िलों में से 27 उत्तरपूर्वी राज्यों में हैं, जिनमें से आठ-आठ ज़िले मणिपुर और नगालैंड में हैं. झारखंड में सर्वाधिक नौ ज़िले हैं, जहां पचास फीसदी से भी कम लोगों को कोरोना का पहला टीका लगा है. इस सूची में दिल्ली का एक और महाराष्ट्र के छह ज़िले शामिल हैं.