द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
शीर्ष मुस्लिम नेताओं ने ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने में हिंदू पूजा की अनुमति देने वाले वाराणसी अदालत के फैसले पर निराशा व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि (अब ध्वस्त) बाबरी मस्जिद स्थल को हिंदू पक्ष को सौंपने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हिंदुत्ववादी ताक़तों को देश भर में मुस्लिम पूजा स्थलों पर दावा करने का रास्ता दिखा दिया है.
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ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन ने कहा कि संस्था एएसआई सर्वे रिपोर्ट का अध्ययन कर विशेषज्ञों से परामर्श करेगी और फिर अगले कदम पर कोई फैसला लेगी.
यह पता लगाने के लिए कि क्या ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण पहले से मौजूद किसी मंदिर पर किया गया था, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने मस्जिद का अदालत के निर्देश पर सर्वेक्षण किया है. हिंदू पक्ष ने एक याचिका में यहां मंदिर होने दावा किया था. उन्होंने मस्जिद परिसर में मां श्रृंगार गौरी की पूजा के लिए प्रवेश की मांग की है.
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ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष की याचिकाएं ख़ारिज करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि हिंदू पक्ष की मस्जिद परिसर में मंदिर बहाली की याचिकाएं उपासना स्थल क़ानून के आधार पर ख़ारिज नहीं की जा सकतीं. हालांकि, एक सच यह है कि उपासना स्थल अधिनियम इसी तरह के मामलों से बचने के लिए लाया गया था.
बीते 21 जुलाई को वाराणसी की एक अदालत ने यह पता लगाने के लिए ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के एक वैज्ञानिक सर्वेक्षण का आदेश दिया था कि क्या मस्जिद का निर्माण पहले से मौजूद एक मंदिर की संरचना पर किया गया था. रिपोर्ट सौंपने के लिए एएसआई को आठ बार समय विस्तार दिया गया था.
ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति के एएसआई सर्वे के मीडिया कवरेज पर रोक की मांग की याचिका पर वाराणसी की अदालत ने एएसआई के साथ-साथ मंदिर और मस्जिद पक्षों से कहा कि वे सर्वे के बारे में मीडिया से बात न करें.
वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के एएसआई सर्वे के बीच मस्जिद कमेटी ने कहा है कि सर्वे टीम की ओर से अब तक कोई बयान नहीं दिया गया है, लेकिन अख़बारों, न्यूज़ चैनलों और सोशल मीडिया पर लगातार भ्रामक ख़बरें चल रही हैं. इसलिए उसने सर्वे की मीडिया कवरेज पर रोक के लिए स्थानीय अदालत में याचिका दायर की है.
वीडियो: वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के निकट स्थित मां श्रृंगार गौरी मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े विवाद, अदालतों के आदेश और एएसआई सर्वे और इसे लेकर हो रही राजनीतिक पर वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान का नज़रिया.
वाराणसी ज़िला अदालत ने मां श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष की मांग को स्वीकार करते हुए वज़ूखाने को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी परिसर की पुरातात्विक एवं वैज्ञानिक सर्वेक्षण कराने की अनुमति दी है. मस्जिद प्रबंधन ने आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती देने की बात कही है.
अगस्त 2021 में विश्व वैदिक सनातन संघ के पदाधिकारी जितेंद्र सिंह विसेन के नेतृत्व में राखी सिंह तथा अन्य ने वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद की पश्चिमी दीवार के पास स्थित शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन की मांग की थी. अब जितेंद्र ने घोषणा की है कि वे और उनका परिवार ज्ञानवापी मामले से जुड़े सभी केस वापस ले रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतेज़ामिया मस्जिद कमेटी द्वारा दायर एक याचिका पर विचार कर रही थी, जिसमें पांच हिंदू महिलाओं द्वारा मस्जिद परिसर में देवताओं की पूजा करने के अधिकार की मांग करने वाले एक मुक़दमे में वाराणसी कोर्ट द्वारा दिए गए सर्वेक्षण आदेश को चुनौती दी गई थी.