दक्षिण अफ्रीकी मेडिकल एसोसिएशन की अध्यक्ष एंजेलिक कोएट्ज़ी ने कहा कि कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रॉन के मरीज़ों में हल्के लक्षण दिखाई दे रहे हैं. हालांकि इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि इसके गंभीर मामले भी आ सकते हैं.
संभावित रूप से अधिक संक्रामक कोरोना वायरस के ओमीक्रॉन स्वरूप की जानकारी विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ को पहली बार बीते 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका से दी गई थी. डब्ल्यूएचओ ने इस स्वरूप को ‘चिंताजनक प्रकार’ के रूप में नामित किया है. इससे पहले इस श्रेणी में कोरोना वायरस का डेल्टा स्वरूप था, जिससे यूरोप और अमेरिका के कई हिस्सों में लोगों ने बड़े पैमाने पर जान गंवाई थी.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक समिति ने कोरोना वायरस के नए स्वरूप को ‘ओमीक्रॉन’ नाम दिया है और इसे ‘बेहद संक्रामक चिंताजनक स्वरूप’ क़रार दिया है. इस वायरस की सबसे पहले जानकारी 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका में मिली. इससे संक्रमण के मामले बोत्स्वाना, बेल्जियम, हांगकांग और इज़रायल में भी मिले हैं.
यह घोषणा ऐसे समय की गई है जब अंतरराष्ट्रीय उड़ानें कोविड-19 वायरस के नए वैरिएंट के कारण एक बार फिर अनिश्चितता का सामना कर रही हैं. कुछ देशों ने यात्रा प्रतिबंध भी लगाने शुरू कर दिए हैं. भारत आने-जाने वाली सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें कोविड-19 महामारी के कारण 23 मार्च, 2020 से ही बंद हैं. हालांकि, पिछले साल जुलाई से करीब 28 देशों के साथ हुए एयर बबल समझौते के तहत विशेष अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानें संचालित हो रही हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने कहा है कि कोरोना वायरस का भारत में पहली बार पाया गया ‘डेल्टा’ स्वरूप अब तक का सबसे संक्रामक प्रकार है. अब यह स्वरूप कम से कम 85 देशों में फैल रहा है. ग़रीब देशों में टीके की अनुपलब्धता इसके प्रसार में सहायक सिद्ध हो रही है और अमीर देश विकासशील देशों को तत्काल टीका नहीं देना चाहते.
केंद्र सरकार ने कहा है कि कोविड-19 के डेल्टा प्लस वैरिएंट के 51 मामले 12 राज्यों में सामने आए हैं और उनमें से सबसे अधिक 22 मामले महाराष्ट्र से आए हैं. सरकार ने ज़ोर दिया कि कोविशील्ड एवं कोवैक्सीन टीके सार्स-सीओवी-2 के अल्फा, बीटा, गामा एवं डेल्टा स्वरूपों के विरूद्ध प्रभावी हैं. वहीं, असम और महाराष्ट्र में डेल्टा स्वरूप से एक-एक मरीज़ की मौत होने की पुष्टि हुई है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश में ‘डेल्टा प्लस’ वैरिएंट के लगभग 40 मामले सामने आए हैं. इन राज्यों को सावधानी बढ़ाते हुए जन स्वास्थ्य संबंधी उचित कदम उठाने की सलाह दी गई है. यह स्वरूप भारत के अलावा, अमेरिका, ब्रिटेन, पुर्तगाल, स्विट्जरलैंड, जापान, पोलैंड, नेपाल, चीन और रूस में मिला है.