पश्चिम बंगाल में ‘जय श्री राम’ के नारों पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आक्रोशित प्रतिक्रिया पर द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि इसे राम के ख़िलाफ़ उनके विरोध के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए. ममता राम का विरोध नहीं कर रहीं बल्कि भाजपा का विरोध कर रही हैं.
शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने तीन दिवसीय 'परम धर्म संसद' में राम मंदिर निर्माण के शिलान्यास के लिए 21 फरवरी की तारीख की घोषणा करते हुए कहा कि अंकोरवाट मंदिर की तरह अयोध्या में एक भव्य मंदिर बनेगा और बाद में उसे वेटिकन सिटी की तरह दर्जा दिया जाएगा.
हिंदू पक्ष के छह दावेदारों में से दो अयोध्या स्थित विवादित स्थल पर विराजमान रामलला के विरुद्ध ही अदालत गए हैं.
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में पक्षकार रहे हाशिम अंसारी के बेटे इक़बाल अंसारी ने अयोध्या में धर्म सभा के नाम पर भीड़ जुटाने की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि इन लोगों को विधान भवन या संसद का घेराव करना चाहिए और अयोध्या के लोगों को सुकून से रहने देना चाहिए.