बीते 27 जून को फ्रांस की राजधानी पेरिस के एक उपनगर में ट्रैफिक के दौरान एक पुलिस अधिकारी ने अल्जीरियाई मूल के एक 17 वर्षीय कार चालक को गोली मार दी थी, जिससे उनकी मौत हो गई थी. घटना का वीडियो फैलते ही अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ पुलिस की हिंसा पर गुस्सा भड़क गया और फ्रांस गंभीर नस्लीय तनाव की चपेट में आ गया.
ग्राउंड रिपोर्ट: नौ नवंबर को शिवपुरी ज़िले के रामनगर गधाई गांव में खेत के पास एक पुलिया बनाने को लेकर हुए विवाद के बीच कथित तौर पर पुलिस के लाठीचार्ज में दस महीने के शिशु की मौत हो गई. पीड़ित परिवार का कहना है कि उनके परिवार की महिलाओं को पीटा गया और अब उन्हीं के परिवार के पंद्रह सदस्यों के ख़िलाफ़ संगीन धाराओं में केस दर्ज किया गया है.
शिवपुरी जिले के रामनगर गढ़ाई गांव का मामला है. पुलिस के अनुसार, पाइप लाइन डालने को लेकर ग्रामीणों का एक ठेकेदार से विवाद हो गया था. ठेकेदार द्वारा सुरक्षा मांगे जाने पर मंगलवार को जब पुलिस मौके पर पहुंची तो ग्रामीणों ने पथराव कर दिया, इसमें उप निरीक्षक सहित तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए. लोगों ने बच्चे की मौत के लिए पुलिस के बल प्रयोग को जिम्मेदार ठहराया है.
77 वर्षीय पूर्व आईपीएस अधिकारी एसआर दारापुरी और 44 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता सदफ़ जाफ़र उन 57 लोगों में शामिल हैं, जो 19 दिसंबर, 2019 के सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान लखनऊ में 1.55 करोड़ रुपये की सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान के आरोपी हैं.
उत्तर प्रदेश के बिजनौर में 20 दिसंबर 2019 को हुए सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान पुलिस फायरिंग में 21 साल के सुलेमान की मौत हो गई थी. एसआईटी ने पुलिसकर्मियों को दोषमुक्त करते हुए सुलेमान को आरोपी ठहराया है और कहा है कि वे प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में शामिल थे.
यूपी कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम को बीते साल 19 दिसंबर को लखनऊ में सीएए- एनआरसी के ख़िलाफ़ हुए प्रदर्शन के मामले में गिरफ़्तार किया गया है. कांग्रेस ने इसे राजनीतिक बदले की भावना से की गई कार्रवाई बताया है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को आदेश दिया था कि लखनऊ में एंटी-सीएए प्रदर्शनकारियों के नाम, फोटो और उनके पते के साथ लगाए गए सभी होर्डिंग्स तुरंत हटाए जाएं. सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश पर रोक नहीं लगाया है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को आदेश दिया कि लखनऊ में एंटी-सीएए प्रदर्शनकारियों के नाम, फोटो और उनके पते के साथ लगाए गए सभी होर्डिंग्स तुरंत हटाए जाएं.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एंटी-सीएए प्रदर्शनकारियों के होर्डिंग्स हटाने का दिया आदेश, कहा- अत्यधिक अनुचित
हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को आदेश दिया कि आज दोपहर तीन बजे से पहले ये सारे होर्डिंग्स हटाए जाए और तीन बजे कोर्ट को इसकी जानकारी दी जाए.
लखनऊ में कई स्थानों पर लगाए गए इन होर्डिंग्स में प्रदर्शनकारियों से सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में जुर्माना भरने को कहा गया है.
महाराष्ट्र के नागपुर में संघ मुख्यालय के निकट रेशीमबाग मैदान में भीम आर्मी कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए आजाद ने 'मनुवाद' को खत्म करने के लिए संघ पर प्रतिबंध की मांग की.
उत्तर प्रदेश प्रशासन का दावा है कि 19 दिसंबर 2019 को लखनऊ के हजरतगंज में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था. हालांकि इस दिन कई कार्यकर्ता नजरबंद थे.
19 दिसंबर, 2019 को देश के अन्य हिस्सों की तरह कर्नाटक में सीएए और एनआरसी के खिलाफ कई विरोध प्रदर्शन आयोजित किए गए थे. हालांकि, बेंगलुरु पुलिस आयुक्त ने एक दिन पहले सीआरपीसी की धारा 144 का उपयोग कर शहर में सार्वजनिक सभा पर प्रतिबंध लगा दिया था.
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की गिरफ़्तारी पर गाजीपुर स्थित सदर के एसडीएम प्रभास कुमार ने कहा कि इस समूह को किसी भी जुलूस की अनुमति नहीं थी और उनके पास से जो पर्चे मिले उसमें सीएए-एनआरसी के विरुद्ध भी कुछ बातें थीं. उनकी गिरफ़्तारी केवल अव्यवस्था फैलाने की आशंकाओं पर की गई है.
उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर हिंसा करने के लिए 34 लोगों को गिरफ्तार किया गया था.