यूक्रेन के लुहान्स्क प्रांत के गवर्नर ने बताया कि इस स्कूल में बने तहखाने में क़रीब 90 लोगों ने शरण ले रखी थी. आपात सेवा कर्मचारियों को दो शव बरामद हुए हैं और 30 लोगों को उन्होंने वहां से निकाला है, लेकिन मलबे में दबे अन्य 60 लोगों के मारे जाने की आशंका है.
संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी के मुताबिक, 24 फरवरी को रूसी आक्रमण शुरू होने के बाद से यूक्रेन के भीतर 70 लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं. संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि 50 लाख लोगों का पलायन दूसरे विश्व युद्ध के बाद से यूरोप के सबसे बड़े शरणार्थी संकट में एक ताज़ा और चौंकाने वाला उदाहरण है.
कीव में क्षेत्रीय पुलिस बल ने दावा किया कि रूसी सेना की वापसी के बाद कीव इलाके में 900 से अधिक नागरिकों के शव बरामद किए गए हैं. मलबे के नीचे और सामूहिक कब्रों में हर दिन शव मिल रहे हैं. बुचा में लोग सबसे ज्यादा पीड़ित हुए, जहां 350 से अधिक शव मिले हैं. वहीं, रूस के रक्षा मंत्रालय ने यूक्रेन के रूसी क्षेत्र पर दावों के जवाब में कीव पर मिसाइल हमलों को बढ़ाने की बात कही है.
शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त द्वारा रविवार को अपने पोर्टल पर अपडेट की गई जानकारी के मुताबिक़, 24 फरवरी से अब तक 45.04 लाख लोग यूक्रेन छोड़ चुके हैं.
रूसी सैनिकों द्वारा यूक्रेन के बुचा शहर में की गई नागरिकों की हत्याओं की तस्वीरें एवं वीडियो सामने आने के बाद अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने 47 सदस्यीय मानवाधिकार परिषद से रूस को निलंबित करने का अभियान शुरू किया था. रूस के ख़िलाफ़ वोटिंग में मौजूद नहीं रहने पर संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि यदि भारत ने कोई पक्ष लिया है तो वह है शांति और हिंसा को तत्काल समाप्त करना है.
रूस के अपने सैनिकों को पीछे हटाने के बाद यूक्रेन के अधिकारियों ने आरोप लगाया कि रूसी सेना ने उसके क्षेत्रों में युद्ध अपराधों को अंजाम दिया है. हालांकि रूसी रक्षा मंत्रालय ने इन आरोपों को खारिज़ किया है. यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय अभियोजकों और न्यायाधीशों की मदद से इसकी जांच के लिए एक विशेष न्याय तंत्र बनाया जाएगा.
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भारत के दो दिवसीय दौरे पर थे. उन्होंने भारत को तेल, सैन्य साजो-सामान और अन्य वस्तुओं की ज़रूरतों को भी पूरा करने का वादा किया. इससे पहले अमेरिका ने यूक्रेन पर रूस के हमले के मद्देनज़र उस पर लगाए गए पश्चिमी प्रतिबंधों को दरकिनार करने के लिए ख़ामियाजा भुगतने की चेतावनी दी थी.
अमेरिकी वाणिज्य मंत्री जिना रायमोंडो ने वॉशिंगटन में ऑस्ट्रेलिया के वाणिज्य मंत्री के साथ बुधवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह टिप्पणी की. ऐसी रिपोर्ट है कि भारत अमेरिकी प्रतिबंधों को दरकिनार करते हुए रूस से सस्ती दरों पर कच्चे तेल की ख़रीद के लिए मॉस्को की एक भुगतान प्रणाली अपनाने पर विचार कर रहा है.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक बैठक के दौरान कहा कि रूस के आक्रामक रुख के जवाब में भारत के अलावा क्वाड एकजुट है. भारत की स्थिति पुतिन के आक्रमण से निपटने के लिहाज़ से थोड़ी असमंजस वाली है लेकिन क्वाड देशों का हिस्सा, जापान और ऑस्ट्रेलिया अत्यधिक मजबूत हैं.
यूक्रेन पर हमले के बाद अमेरिका और उसके पश्चिमी सहयोगियों के दबाव के बीच एशिया के दो प्रतिद्वंद्वी देश- चीन और भारत अपने तमाम मतभेदों के बावजूद रूस को लेकर समान रवैया अख़्तियार किए हुए हैं.
अफ़सोस की बात है कि भारत के पास ऐसी समस्या के समाधान के लिए रचनात्मक प्रस्ताव देने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है, जिस पर वह स्पष्ट रुख़ लेने को भी अनिच्छुक है.
भारत को ख़ुद को ऊर्जा बाज़ार में लंबे व्यवधान और मुद्रा की कमज़ोरी का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए, क्योंकि इनका आर्थिक विकास, आजीविका और रोज़गार पर गंभीर असर होगा.
यूक्रेन के कई शहरों में रूसी सेना द्वारा घेराबंदी के चलते नागरिकों को निकालने के लिए सुरक्षित निकासी मार्ग स्थापित करने के प्रयास विफल रहे हैं. ब्रिटेन की संसद में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की के संबोधन के बाद ब्रिटिश सरकार ने एक नए क़ानून की घोषणा की जिसके तहत किसी भी रूसी विमान के लिए ब्रिटेन में उड़ान भरने या उतरने को अपराध माना जाएगा.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने युद्ध के दौरान सुरक्षित निकासी की कोशिश कर रहे यूक्रेनी नागरिकों के लिए मानवीय गलियारों के विस्तार और रेड क्रॉस से अधिक सहयोग का आह्वान किया है. वहीं, भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया कि सूमी शहर से सभी भारतीय छात्रों को निकाल लिया गया है और वे सभी बसों के ज़रिये पोलतावा शहर के लिए रवाना हो गए हैं.
रूस ने यूक्रेनी नागरिकों की निकासी के लिए राजधानी कीव, दक्षिणी बंदरगाह शहर मारियुपोल, यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव और सूमी में संघर्ष विराम के साथ मानवीय गलियारों को खोलने की घोषणा की है. इस बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि अगर कीव 'शत्रुतापूर्ण कार्रवाई' बंद कर दें तो मॉस्को के हमलों को रोका जा सकता है.