उत्तर प्रदेश: वृंदावन में क्रूज सेवा शुरू करने के विरोध में नाविकों ने हड़ताल का आह्वान किया

मथुरा ज़िले में वृंदावन के जुगल घाट से क्रूज सेवा शुरू किए जाने के विरोध में निषाद समुदाय के नाविकों का कहना है कि इससे समुदाय के लगभग 12,000 सदस्यों की आजीविका पर ख़तरा पैदा हो जाएगा.

मथुरा: बांके बिहारी मंदिर के सामने कॉरिडोर निर्माण परियोजना के ख़िलाफ़ आंदोलन तेज़

उत्तर प्रदेश में मथुरा के वृंदावन स्थित बांके बिहारी मंदिर के सामने कॉरिडोर निर्माण के प्रस्तावित मानचित्रों को जलाकर व्यापारियों, पुजारियों और निवासियों ने प्रस्तावित मानचित्रों को जलाकर अपना विरोध दर्ज कराया है. विरासत को बचाने के लिए व्यापारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खून से लिखे 108 पत्र भी भेजे हैं.

उत्तर प्रदेश: जन्माष्टमी पर वृंदावन स्थित बांके बिहारी मंदिर में भगदड़, दो श्रद्धालुओं की मौत

उत्तर प्रदेश के मथुरा ज़िले के वृंदावन स्थित बांके बिहारी मंदिर में मची भगदड़ में जिन दो लोगों की मौत हुई है, उनकी पहचान नोएडा सेक्टर-99 की रहने वाली निर्मला देवी और राम प्रसाद विश्वकर्मा के रूप में हुई है. हादसे में सात अन्य घायल हो गए हैं.

अयोध्‍या के बाद काशी और मथुरा ‘नई अंगड़ाई’ लेते दिख रहे हैं: योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजधानी लखनऊ​ में भाजपा की एक दिवसीय प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण की शुरुआत के बाद काशी ने जो अंगड़ाई ली है, वह हम सबके सामने है. काशी में काशी विश्‍वनाथ धाम का उद्घाटन होने के बाद प्रतिदिन एक लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच रहे है.

उत्तर प्रदेश: वृंदावन के प्रतिबंधित क्षेत्र में रात के समय वीडियो बनाने पर यूट्यूबर गिरफ़्तार

मथुरा जिले के वृंदावन में ‘निधिवन राज’ के प्रतिबंधित क्षेत्र का रात में वीडियो बनाकर उसे सोशल मीडिया पर अपलोड करने के आरोप में पांच लोगों के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज की गई है. ‘निधिवन राज’ में तुलसी के अति प्राचीन वृक्ष हैं. इसके बारे में मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण एवं राधा रानी तथा उनकी सखियां आज भी रात में रासलीला के लिए यहां आते हैं. इस क्षेत्र में रात को रुकना प्रतिबंधित है.

नज़ीर अकबराबादी: होली की बहारों का बेनज़ीर शायर

फिराक़ गोरखपुरी लिखते हैं कि नज़ीर दुनिया के रंग में रंगे हुए महाकवि थे. वे दुनिया में और दुनिया उनमें रहती थी, जो उनकी कविताओं में हंसती-बोलती, जीती-जागती त्योहार मनाती नज़र आती है.