राम मंदिर ट्रस्ट के सचिव चंपत राय की अपील सुनकर बरबस 'अज्ञेय' याद आते हैं, जिनका कहना था कि 'जो निर्माता रहे/ इतिहास में वह/ बंदर कहलाएंगे'. ट्रस्ट द्वारा राम मंदिर के लिए संघर्षरत रहे कारसेवकों व राम सेवकों का ‘बंदर कहलाने’ की नियति से साक्षात्कार क्यों कराया जा रहा है?