पानी की कमी जारी रहने पर भारत जलवायु शरणार्थी संकट का कर सकता है सामना: ‘वॉटरमैन’ राजेंद्र सिंह

भारत के वॉटरमैन नाम से मशहूर जल संरक्षणवादी राजेंद्र सिंह ने कहा कि यूरोप कई अफ्रीकी देशों से आ रहे जलवायु शरणार्थियों का सामना कर रहा है. सौभाग्य से भारतीयों को अभी जलवायु शरणार्थी नहीं कहा जाता है, लेकिन अगले सात साल में अगर देश में जल की कमी बनी रही तो भारतीयों को भी उसी तरह की स्थिति का सामना करना पड़ेगा.

पर्यावरण को लेकर गंभीर नहीं पार्टियां, केवल सत्ता हासिल करने की होड़: जलपुरुष राजेंद्र सिंह

राजनेताओं के चहेते राहतकोष, जलप्रबंधन व जलवायु प्रबंधन योजना के नाम पर अपनी जेब भरते रहेंगे. ‘नमामि गंगे’ जैसी भ्रष्टाचारी प्रदूषण नियंत्रण योजनाएं बनाते रहेंगे. राजनैतिक दलों के घोषणापत्र दिखावा करके वोट लेने वाला भ्रमजाल फैलाते रहेंगे. जो जितना या ज्यादा झूठ सफाई से बोलेगा वो उतनी ही वोटों की कमाई अपने लिए कर लेगा.

झूठ बोलने और धोखा देने वालों को गंगा जी दंडित करती हैं: जलपुरुष राजेंद्र सिंह

साल 2014 में नरेंद्र मोदी ने कहा था, 'मैं गंगा का बेटा हूं, गंगा ने मुझे बुलाया है. गंगा को अविरल और निर्मल बनाने के लिए काम करूंगा.’ पांच साल बीत गये, लेकिन इस सरकार ने गंगा जी की निर्मलता-अविरलता हेतु कुछ भी काम नहीं किया है. जैसे गंगा जी पहले मैली थीं, अब उससे भी ज्यादा मैली हो गई हैं.