बंगाल शिक्षा बोर्ड के मुताबिक, क़रीब चार दशक पहले 1983 में 66 लोगों के एक समूह ने शिक्षकों की नौकरी की मांग को लेकर केस दायर किया था. 40 साल बाद दिसंबर 2023 में कलकत्ता हाईकोर्ट ने उनकी भर्ती का आदेश दिया था. इनमें से तीन की मौत हो चुकी है. बोर्ड ने कहा कि अदालत के आदेश पर कार्य करते हुए इन लोगों को नियुक्ति-पत्र भेजे गए थे.
कलकत्ता हाईकोर्ट की एकल पीठ ने बीते मई महीने में लगभग 32,000 उम्मीदवारों की नियुक्तियां रद्द कर दी थीं, जिन्होंने 2016 में चयन प्रक्रिया के माध्यम से प्राथमिक शिक्षक के रूप में भर्ती के समय अपना प्रशिक्षण पूरा नहीं किया था. साथ ही राज्य को पदों को भरने के लिए नई भर्ती शुरू करने का भी निर्देश दिया था.
कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड की 2016 की नियुक्ति प्रक्रिया में उचित प्रक्रिया का पालन नहीं होने पर यह निर्णय दिया. अदालत ने कहा कि ईडी की जांच से धीरे-धीरे यह सामने आ रहा है कि प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों की नौकरियां वास्तव में कुछ उम्मीदवारों को बेची गईं, जिनके पास रोज़गार ख़रीदने के लिए पैसे थे.