नोबेल शांति पुरस्कार दुनिया को संदेश है कि भुखमरी के शिकार लोगों को न भूलें: डब्ल्यूएफपी

विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) के प्रमुख डेविड बीसली ने कहा कि नोबेल शांति पुरस्कार मिलने की घोषणा ने दुनिया के लगभग 69 करोड़ लोगों को वैश्विक नज़र में ला दिया है, जो भुखमरी का सामना कर रहे हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि पुरस्कार मिलने के बाद दुनिया के दानदाता, अरबपति और लोग भुखमरी उन्मूलन के कार्यकम में सहायता के लिए प्रेरित होंगे.

साल 2020 के लिए विश्व खाद्य कार्यक्रम को शांति का नोबेल पुरस्कार

अमेरिकी कवयित्री लुईस ग्लूक को 2020 का साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिए जाने का ऐलान किया गया है. वह 2016 में बॉब डिलन के बाद यह पुरस्कार जीतने वाली पहली अमेरिकी हैं.

द वायर बुलेटिन: सूचना व प्रसारण मंत्रालय ने ‘नमो टीवी’ को बताया विज्ञापन प्लेटफॉर्म

अरुणाचल प्रदेश के तीन जिलों से आंशिक रूप से आफस्पा हटने समेत आज की बड़ी ख़बरें. दिनभर की महत्वपूर्ण ख़बरों का अपडेट.

पिछले साल दुनियाभर में 11.3 करोड़ लोगों ने किया घोर भुखमरी का सामना: रिपोर्ट

संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ की रिपोर्ट में कहा गया है कि जलवायु से जुड़ी आपदाओं और आर्थिक अशांति जैसे कारणों से पैदा हुए खाद्य संकट की वजह से 53 देशों में ये लोग घोर भुखमरी का सामना कर रहे हैं और उन्हें तत्काल खाद्य पदार्थ, पोषक आहार और आजीविका की ज़रूरत है.

भारत ने सात रोहिंग्या प्रवासियों को वापस म्यांमार भेजा

सुप्रीम कोर्ट ने असम में अवैध रूप से आए सात रोहिंग्याओं को उनके मूल देश म्यांमार भेजने के सरकार के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया.

रोहिंग्या शरणार्थियों का म्यांमार लौटना अब भी सुरक्षित नहीं: संयुक्त राष्ट्र अधिकारी

यूनिसेफ के उप कार्यकारी निदेशक जस्टिन फोर्सिथ का कहना है कि म्यांमार के रखाइन प्रांत के गांवों में अब भी हमले हो रहे हैं.

बांग्लादेश से रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस म्यांमार भेजने की योजना का विरोध

बांग्लादेश सरकार के फैसले का विरोध करते हुए रोहिंग्या शरणार्थियों ने नागरिकता और सुरक्षा की गारंटी की मांग वाले नारे लगाए.

बांग्लादेश में 10 लाख से ज़्यादा रोहिंग्या शरणार्थी, दो साल में म्यांमार वापसी का लक्ष्य

रोहिंग्या मुसलमानों के नए जत्थे के बांग्लादेश में दाख़िल होने के बाद बायोमेट्रिक पंजीकरण शुरू किया गया था. म्यांमार में मुस्लिम अल्पसंख्यक दशकों से अत्याचार का सामना करते रहे हैं.

म्यांमार का बचाव करते हुए सू ची ने कहा, उनका देश अंतरराष्ट्रीय जांच से नहीं डरता

म्यांमार की स्टेट काउंसलर सू ची के बयान पर एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा कि वह रोहिंग्या संकट पर आंखें मूंदे बैठी हैं.