सरकार ने इस साल एक जून से चीनी के निर्यात पर पाबंदी लगा दी थी, जो 31 अक्टूबर को ही ख़त्म होने वाली थी. हालांकि, विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने बताया कि इसे अब अक्टूबर 2023 तक बढ़ा दिया गया है.
इससे पहले मई महीने में सरकार ने घरेलू स्तर पर बढ़ते दामों पर अंकुश लगाने के लिए गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी थी. एक सरकारी बयान के अनुसार, इस निर्णय के बाद गेहूं के आटे की विदेशी मांग में उछाल आया है.
वीडियो: भारत द्वारा कीमतों को नियंत्रण में रखने के प्रयास में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बाद वैश्विक स्तर पर गेहूं की कीमतें 14 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गईं. सरकार ने रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के कारण गेहूं की वैश्विक आपूर्ति में व्यवधान के मद्देनज़र निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया है.
सरकार ने रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के कारण गेहूं की वैश्विक आपूर्ति में व्यवधान के मद्देनज़र निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया है. दोनों देश गेहूं के प्रमुख निर्यातक रहे हैं. कांग्रेस ने इस क़दम को ‘किसान विरोधी’ क़रार देते हुए कहा कि सरकार ने गेहूं की पर्याप्त खरीद नहीं की जिसके कारण ऐसी स्थिति पैदा हुई.
केंद्र सरकार ने जून में समाप्त होने वाले फसल वर्ष 2021-22 के लिए गेहूं उत्पादन के अनुमान को 5.7 प्रतिशत घटाकर 10.5 करोड़ टन कर दिया है. पहले गेहूं उत्पादन 11 करोड़ 13.2 लाख टन रहने का अनुमान लगाया गया था. अनुमान में गिरावट का कारण गर्मी की जल्द शुरुआत होने की वजह से फसल उत्पादकता प्रभावित होना है.