बीते जून में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के छात्र संगठन एमएसएफ की महिला इकाई हरिथा की नेताओं ने उनके तीन सहकर्मियों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया था. पार्टी के शीर्ष नेताओं द्वारा कोई कार्रवाई न किए जाने पर हरिथा ने राज्य महिला आयोग का रुख़ किया, जिसके बाद पार्टी ने शिकायत वापस न लेने पर ‘अनुशासनहीनता’ का आरोप लगाते हुए हरिथा की राज्य समिति को भंग कर दिया था.
बीते जून में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के छात्र संगठन एमएसएफ की महिला इकाई हरिथा की तीन नेताओं ने उनके तीन पुरुष सहकर्मियों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया था. पार्टी के शीर्ष नेताओं द्वारा कोई कार्रवाई न किए जाने पर हरिथा ने राज्य महिला आयोग का रुख़ किया, जिसके बाद पार्टी ने शिकायत वापस न लेने पर 'अनुशासनहीनता' का आरोप लगाते हुए हरिथा की राज्य समिति को भंग कर दिया.
भुज के श्री सहजानंद गर्ल्स इंस्टिट्यूट के हॉस्टल में छात्राओं के पीरियड्स जांचने के लिए उनको अंडरगारमेंट्स उतारने को मजबूर करने की बात सामने आई थी. संस्था के ट्रस्टी का कहना है कि बरसों से चल रही रुढ़िवादी परंपरा के नियम अब छात्राओं के लिए स्वैच्छिक होंगे, इनके पालन के लिए उन पर दबाव नहीं डाला जाएगा.
मामला भुज के श्री सहजानंद गर्ल्स इंस्टीट्यूट का है, जहां छात्राओं का आरोप है कि हॉस्टल के माहवारी संबंधी नियम तोड़ने की शिकायत के बाद 60 से ज़्यादा छात्राओं को अपने अंडरगारमेंट्स उतारने के लिए मजबूर किया गया.