ब्लू कॉलर नौकरियों में शारीरिक श्रम या कौशल वाले रोजगार शुमार होते हैं- जैसे कि कंडक्टर, मैकेनिक, इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर, मजदूर आदि. वर्कइंडिया की रिपोर्ट बताती है कि ऐसी 57.63 प्रतिशत से अधिक नौकरियां 20,000 या उससे कम वेतन सीमा में आती हैं.
भीषण गर्मी कमज़ोर वर्ग को असमान रूप से प्रभावित करती है. ग़रीब श्रमिक के पास न तो आराम या सुकून का समय ही उपलब्ध हैं न ही चिकित्सा सुविधाएं. निर्माण और कृषि श्रमिकों तो खुले में श्रम और ऊंचे तापमान के लंबे समय तक संपर्क में होता है, ऐसे में उनके लिए भीषण गर्मी जानलेवा भी हो सकती है.
वीडियो: बीते रविवार को दिल्ली में 'एक वोट पर एक रोज़गार आंदोलन' की तरफ़ से रोज़गार क़ानून, न्यूनतम मज़दूरी एवं पेंशन को लेकर जन संसद का आयोजन किया गया था, जहां आए कर्मचारियों, श्रमिकों और कार्यकर्ताओं ने अपनी विभिन्न मांगें रखीं.