विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक़, दुनियाभर में तीन महिलाओं में से लगभग एक ने अपने जीवनकाल के दौरान शारीरिक या यौन हिंसा का अनुभव करती हैं. दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र इस संबंध में दूसरे पायदान पर है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन की कोविड-19 पर 15वीं बैठक के बाद इसके महानिदेशक ट्रेडोस एडहेनॉम घेब्रेयेसस ने कहा कि एक साल से अधिक समय से महामारी के मामलों की संख्या नीचे की ओर रही है. अब अंतरराष्ट्रीय चिंता के सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा समाप्त हो जानी चाहिए.
अमेरिकी खाद्य और दवा नियामक संस्था ने कोविड-19 के उपचार के लिए आपात स्थिति में क्लोरोक्वीन और हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल को दी गई मंज़ूरी वापस लेते हुए कहा कि ये मलेरिया रोधी दवाएं कोरोना वायरस संक्रमण रोकने में संभवत: प्रभावी नहीं हैं.
विश्व के क़रीब 100 से अधिक वैज्ञानिकों ने दोनों पत्रिकाओं के संपादकों को लिखे गए खुले पत्र में दोनों अध्ययनों में इस्तेमाल डेटा की गुणवत्ता में विसंगति का मुद्दा उठाया था. पत्र में डेटा की सत्यता और अध्ययन में इससे जिस तरह का विश्लेषण किया गया, उन सबको लेकर चिंता जताई गई थी.
विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीबी रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में टीबी के 30 लाख मामले राष्ट्रीय टीबी कार्यक्रम में दर्ज नहीं हो पाते हैं. भारत में 2018 में टीबी के करीब 26.9 लाख मामले सामने आए और 21.5 लाख मामले भारत सरकार के राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत दर्ज किए गए यानी 5,40,000 मामले इसमें दर्ज नहीं हुए.
दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए क्षेत्रीय निदेशक पूनम क्षेत्रपाल सिंह ने कहा कि कुष्ठ रोग को समाप्त करने में भेदभाव, लांछन और पूर्वाग्रह सबसे प्रमुख बाधाएं हैं. अगर शुरू में इस बीमारी का पता लग जाए तो इसका शत प्रतिशत इलाज संभव है.
तमिलनाडु के विरुधुनगर ज़िले का मामला. सरकारी ब्लड बैंक का एक कर्मचारी बर्ख़ास्त और दो कर्मचारियों को निलंबित किया गया. महिला के पति ने घटना के लिए तमिलनाडु सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया.