योगेंद्र यादव और सुहास पलशिकर ने एनसीईआरटी निदेशक को लिखे पत्र में कहा कि वे दोनों नहीं चाहते कि एनसीईआरटी 'उनके नामों के पीछे छिप जाए... और छात्रों को राजनीति विज्ञान की ऐसी किताबें दे जो उन्हें राजनीतिक रूप से पक्षपाती, अकादमिक रूप से अक्षम्य और शैक्षणिक रूप से अनुपयुक्त लगती हैं.'
पूरे भारत से आई ख़बरें बता रही हैं कि 2014 और 2019 का 'मोदी मैजिक' इस बार ग़ायब है क्योंकि चुनाव लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र और राज्य स्तर पर लड़े गए हैं, जहां बेरोजगारी, महंगाई और ग्रामीण संकट पूरे भारत में आम विषय हैं.
वीडियो: बीते दिनों इंडिया टुडे ने एक सर्वे का हवाला देते हुए नरेंद्र मोदी के तीसरी बार सत्ता ने आने का दावा किया है. इसी संदर्भ में चुनावी मौसम में होने वाले सर्वेक्षणों पर बात कर रहे हैं योगेंद्र यादव.
वीडियो: बिहार में जाति आधारित जनगणना, देश में मंडल राजनीति पर दोबारा चर्चा शुरू होने और आरक्षण के मुद्दे पर होने वाले टकरावों को लेकर राजनीतिक विश्लेषक योगेंद्र यादव और द वायर के सह-संस्थापक एमके वेणु से इंद्र शेखर सिंह की बातचीत.
देश के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों से जुड़े 33 शिक्षाविदों और राजनीति विज्ञान के जानकार, जो एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकें तैयार करने की प्रक्रिया के विभिन्न स्तरों पर जुड़े रहे हैं, का कहना है कि परिषद द्वारा इन किताबों में किए गए बदलावों के बाद वे यह दावा नहीं कर सकते कि ये उनके द्वारा तैयार की गई किताबें हैं.
शिक्षाविद सुहास पलशिकर और सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव ने एनसीईआरटी से इसकी राजनीति विज्ञान की टेक्स्टबुक से उनका नाम बतौर ‘मुख्य सलाहकार’ हटाने को कहा है. उनका कहना है कि ‘युक्तिसंगत’ बनाने के नाम पर लगातार सामग्री हटाने से 'विकृत' हुई किताबों से नाम जुड़ा देखना उनके लिए शर्मिंदगी का सबब है.
वीडियो: कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले कुछ सर्वे में भाजपा को नुकसान होता हुआ दिख रहा है. राजनीतिक टिप्पणीकार और पत्रकारों का भी कहना है कि भाजपा को सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ सकता है. इस संबंध में राजनीतिक टिप्पणीकार और सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव से बातचीत.
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना (मनरेगा) के लाभार्थियों पर मज़दूरी का वित्तीय बोझ भी राज्य सरकारों द्वारा उठाया जाना चाहिए, ताकि उन्हें भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने के लिए और अधिक सक्रिय बनाया जा सके.
वीडियो: स्वराज इंडिया के संस्थापक और कार्यकर्ता योगेंद्र यादव शुरुआत से ही कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में भाग ले रहे हैं. उनका कहना है कि भले ही वह कांग्रेस पार्टी के सदस्य नहीं हैं, लेकिन वह लोगों को एक साथ लाने के महत्व को पहचानते हैं. द वायर के याक़ूत अली ने उनसे आम आदमी पार्टी सहित समसामयिक राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की.
सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव ने संयुक्त किसान मोर्चा की समन्वय समिति से इस्तीफ़ा देते हुए कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि सभी जन आंदोलनों और विपक्षी राजनीतिक दलों की ऊर्जा को किसान विरोधी मोदी सरकार के ख़िलाफ़ लड़ने के लिए जोड़ा जाए. इसके लिए वे किसान आंदोलन के अलावा अन्य आंदोलनों के संपर्क में हैं.
दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा में मारे गए एक भाजपा कार्यकर्ता शुभम मिश्रा के घर जाने पर सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव को एक महीने के लिए निलंबित कर दिया है. योगेंद्र यादव ने कहा कि शुभम मिश्रा के परिवार से मिलने के लिए उन्हें कोई अफसोस नहीं है. यादव किसान मोर्चा की कोर समिति के सदस्य रहे हैं.
हरियाणा के करनाल में बीते 28 अगस्त को भाजपा की बैठक का विरोध कर रहे किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया था. किसानों के प्रदर्शन के दौरान ड्यूटी मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात तत्कालीन करनाल एसडीएम आयुष सिन्हा कैमरे के सामने पुलिस को कथित तौर पर किसानों के सिर फोड़ने का आदेश देते हुए नज़र आए थे. सिन्हा पर कार्रवाई की मांग को लेकर किसान करनाल ज़िला मुख्यालय के बाहर धरना दे रहे थे.
बीते 28 अगस्त को हुए लाठीचार्ज और आईएएस अधिकारी आयुष सिन्हा पर कार्रवाई की मांग को लेकर करनाल ज़िला मुख्यालय के बाहर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि किसी को भी जांच के बिना सिर्फ़ इसलिए सूली पर नहीं चढ़ाया जा सकता कि कोई इसकी मांग कर रहा है.
हरियाणा के करनाल में किसानों के प्रदर्शन के दौरान ड्यूटी मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात करनाल एसडीएम आयुष सिन्हा कैमरे के सामने पुलिस से कथित तौर पर उनका सिर फोड़ने के लिए कहते हुए नज़र आए थे. किसानों ने कहा कि वे अनिश्चितकालीन धरना जारी रखेंगे. उनका कहना है कि पर्याप्त वीडियो साक्ष्य होने के बावजूद हरियाणा सरकार आईएएस अधिकारी को निलंबित तक करने को तैयार नहीं है, उनके ख़िलाफ़ केवल एक मुक़दमा दर्ज कर छोड़ दिया.
किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि कोरोना वायरस पर सरकार का पाखंड उजागर हो गया है. मंत्री और नेता चुनावी रैलियां कर रहे हैं. उन्हें दूसरों पर सवाल उठाने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि सभी किसान विरोध स्थलों पर टीकाकरण शिविर लगाए जा रहे हैं. ऑक्सीमीटर और एंबुलेंस की व्यवस्था की जा रही है, स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार किया जा रहा है.