लखीमपुर हिंसा: केंद्रीय मंत्री के बेटे की ज़मानत के ख़िलाफ़ शीर्ष अदालत में अर्ज़ी दायर

लखीमपुर खीरी हिंसा के दौरान चार किसानों की हत्या के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को 10 फरवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज़मानत दी थी. इसे रद्द करने के अनुरोध वाली याचिका में कहा गया है कि यह निर्णय क़ानून के लिहाज से टिकाऊ नहीं है क्योंकि इस पर ठीक तरह से विचार नहीं किया गया है और प्रत्यक्ष साक्ष्य के समर्थन के बिना ‘हो सकता है’ का सहारा लिया.

यूपी: पूर्वांचल के गन्ना बेल्ट में विस्थापित गन्ना शोध केंद्र की सुध लेने वाला कोई नहीं है

ग्राउंड रिपोर्ट: पूर्वी यूपी के गन्ना किसानों को उन्नत क़िस्म की प्रजाति मुहैया कराने, सूखा, जलभराव व ऊसर क्षेत्रों में उपयोगी प्रजातियों को विकसित करने जैसे कारकों को ध्यान में रखते हुए 1939 में गोरखपुर के कूड़ाघाट में गन्ना शोध केंद्र की स्थापना की गई. 2017 में केंद्र की ज़मीन एम्स बनाने के लिए देते हुए इसे पिपराइच स्थानांतरित कर दिया गया, लेकिन आज तक वहां शोध केंद्र की एक ईंट भी नहीं रखी गई है.

कासगंज हिरासत में मौतः अल्ताफ़ के पिता बोले- इंसाफ़ की लड़ाई मुश्किल, पर कोर्ट ने ग़रीबों की सुनी

यूपी के कासगंज ज़िले में एक नाबालिग लड़की की गुमशुदगी के सिलसिले में हिरासत में लिए गए अल्ताफ़ की बीते साल नवंबर में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. पुलिस ने इसे ख़ुदकुशी बताया था जबकि मृतक के परिजनों ने पुलिस द्वारा बेरहमी से पीटे जाने से अल्ताफ़ की मौत होने का आरोप लगाया था. अब कोर्ट ने अल्ताफ़ का शव निकालकर दोबारा पोस्टमार्टम करवाने का निर्देश दिया है.

‘भाजपा लक्ष्मीबाई से वही झांसी छीन रही है जो वे मरते दम तक अंग्रेज़ों को नहीं देना चाहती थीं’

ग्राउंड रिपोर्ट: विधानसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने झांसी रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर ‘वीरांगना लक्ष्मीबाई’ कर दिया था, जिससे झांसी के लोग ख़ुश नहीं हैं. यहां तक कि स्वयं को सरकार और भाजपा समर्थक बताने वाले लोग भी इसे ग़लत बता रहे हैं.

यूपी: देवरिया में आईटीआई की अधबनी इमारत कई युवाओं के टूटे सपनों की नींव पर खड़ी है

ग्राउंड रिपोर्ट: साल 2014 में देवरिया ज़िले में भाटपाररानी विधानसभा क्षेत्र के भवानी छापर गांव में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आईटीआई का शिलान्यास किया था. ग्रामीण युवाओं को आस थी कि वे तकनीकी हुनर सीखकर आजीविका कमा सकेंगे. सात साल बीतने के बावजूद यह आईटीआई अब तक शुरू नहीं हो सका और रोजी-रोटी की तलाश में स्थानीय युवा अन्य राज्यों में मज़दूरी करने के लिए पलायन को मजबूर हैं.

लखीमपुर खीरी हिंसा: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा ज़मानत पर रिहा

लखीमपुर खीरी हिंसा के दौरान चार किसानों की हत्या के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को 10 फरवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज़मानत दी थी. ज़मानत आदेश में धारा 302 (हत्या) और 120बी (साज़िश रचने) की धाराओं का उल्लेख छूट गया था, जिन्हें कोर्ट द्वारा जोड़ने का आदेश दिए जाने के बाद आशीष को रिहा कर दिया गया.

यूपी चुनाव: आवारा पशुओं से क्यों परेशान हैं कन्नौज के आलू किसान?

वीडियो: उत्तर प्रदेश के कन्नौज में आलू किसानों की सबसे बड़ी चिंता का विषय आवारा पशु हैं. योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा की राज्य सरकार के गोहत्या पर रोक लगाने के फैसले का पशु व्यापार पर प्रभाव पड़ा है. कथित गोरक्षा समूहों के डर के कारण पशु व्यापारी अपना व्यवसाय सामान्य रूप से करने में असमर्थ हैं. किसानों का कहना है कि इसकी वजह से उन्हें अपने मवेशियों को छोड़ने के लिए मजबूर किया गया है.

उत्तर प्रदेश: गोरखपुर ज़िले की निषाद बहुल सीटों का चुनावी समीकरण क्या है

पूर्वी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर ज़िले में नौ विधानसभा क्षेत्र- गोरखपुर शहर, गोरखपुर ग्रामीण, सहजनवा, पिपराइच, कैम्पियरगंज, चौरी चौरा, चिल्लूपार, बांसगांव और खजनी हैं. बांसगांव और खजनी क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. इनमें से पांच- गोरखपुर ग्रामीण, सहजनवा, पिपराइच, कैम्पियरगंज, चौरी चौरा में निषाद समुदाय की अच्छी-ख़ासी संख्या है. चिल्लूपार विधानसभा क्षेत्र में भी निषाद मतदाता ठीक-ठाक हैं.

सीएए प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ वसूली नोटिस वापस ले यूपी सरकार या हम इन्हें रद्द कर देंगे: कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर, 2019 में सीएए के विरोध में आंदोलन कर रहे लोगों को वसूली के नोटिस भेजे जाने पर उत्तर प्रदेश सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि यह कार्यवाही उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रतिपादित क़ानून के विरुद्ध है और इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती.

लखीमपुर हिंसा: केंद्रीय मंत्री के बेटे ने रिहाई के लिए ज़मानत आदेश में संशोधन के लिए अर्ज़ी दाख़िल की

लखीमपुर खीरी हिंसा के दौरान चार किसानों की हत्या के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को बीते 10 फरवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज़मानत दी थी. आशीष द्वारा दाख़िल याचिका में कहा गया है कि अदालत ने उनकी ज़मानत के आदेश में धारा 302 (हत्या) और 120बी (साज़िश रचने) की धाराओं का जिक्र नहीं किया था. इसके बिना उनकी जेल से रिहाई संभव नहीं है.

यूपी चुनाव: ‘योगी जी को 80 बनाम 20 की बात नहीं बोलनी चाहिए थी’

वीडियो: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में एक सीट ऐसी भी है, जहां लड़ाई राजघरानों के बीच है. रामपुर सीट पर दो राजघराने आमने-सामने हैं. रामपुर के मोहम्मद आज़म ख़ान और नवाब काजिम अली उर्फ़ नावेद मियां के बीच चुनावी मुकाबला है.

लखीमपुर हिंसा: केंद्रीय मंत्री के बेटे को ज़मानत देने की विपक्ष और किसान संगठनों ने की निंदा

लखीमपुर खीरी हिंसा के दौरान चार किसानों की हत्या के मुख्य अभियुक्त आशीष मिश्रा को ज़मानत मिलने पर कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि राजनीतिक रूप से शक्तिशाली आरोपी के गवाहों को प्रभावित करने की पक्की संभावना पर विचार किए बिना अदालत का ज़मानत देना बेहद निराशाजनक है.

उत्तर प्रदेश: योगी आदित्यनाथ के सांप्रदायिक एजेंडे का सपा के पास क्या जवाब है?

वीडियो: वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान उत्तर प्रदेश चुनावों को लेकर भाजपा के ध्रुवीकरण की राजनीति, योगी आदित्यनाथ के एजेंडे और समाजवादी पार्टी की स्थिति पर चर्चा कर रहे हैं.

सपा या बसपा: पश्चिमी यूपी के मुस्लिम वोटर का रूझान किधर?

वीडियो: उत्तर प्रदेश के बिजनौर शहर में अधिकांश आबादी मुस्लिम समुदाय की है और उसके बाद दलित आबादी है. द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी ने यहां मुस्लिम समुदाय के लोगों से बातकर यह जानने की कोशिश की कि दूसरे चरण के चुनाव में यहां के लोगों का क्या रूझान है.

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