आईआईटी कानपुर द्वारा जारी की गई इस रिपोर्ट को राजनीतिक प्रचार कहकर ख़ारिज करना आसान है, लेकिन इसे मिली व्यापक मीडिया कवरेज और इसके लेखक की प्रतिष्ठा को ध्यान में रखते हुए इसकी सावधानीपूर्वक गहराई से समीक्षा होनी चाहिए.
फ़ैज़ाबाद ज़िले को अयोध्या का नाम देने के बाद अब उसके रेलवे स्टेशन को अयोध्या कैंट करने वाली योगी सरकार को कुछ ज़रूरी सवालों के जवाब भी देने चाहिए, मसलन अयोध्या ज़िले की प्रति व्यक्ति आय क्या है? क्या अयोध्या की सरकार प्रायोजित जगर-मगर उसकी ग़रीबी का विकल्प हो सकती है? विकास के नाम पर लोगों को दरबदर करने वाली सरकारी योजनाएं इस ग़रीबी को घटाएंगी या बढ़ाएंगी?
यूपी पुलिस की अपराध शाखा द्वारा जारी बयान के अनुसार, लखीमपुर खीरी हिंसा की तफ़्तीश कर रहे विशेष जांच दल ने दो भाजपा कार्यकर्ताओं सहित चार लोगों की पीट-पीटकर हत्या किए जाने के मामले में गुरविंदर सिंह और विचित्र सिंह नाम के व्यक्तियों को गिरफ़्तार किया है.
दिल्ली की सीमाओं पर विवादित कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय की निगरानी में एक विशेष जांच दल गठित करने की मांग की है. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा लखीमपुर खीरी में किसानों को गाड़ी से कुचल कर उनकी हत्या किए जाने के मामले में आरोपी हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने अभियोजन पक्ष द्वारा मामले में पेश किए गवाहों की संख्या पर भी सवाल उठाए और कहा कि मामला है कि हज़ारों किसान रैली निकाल रहे थे और केवल 23 ही चश्मदीद हैं? इस पर सरकार की ओर से बताया गया कि कुछ गवाहों के बयान सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज किए जा चुके हैं, जिसके बाद कोर्ट ने मामले के अन्य गवाहों के बयान भी इसी धारा के तहत दर्ज करने का निर्देश दिया.
वीडियो: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दावा है कि उनकी सरकार ने प्रदेश से भू-माफ़ियाओं को ख़त्म कर दिया है. मगर मेरठ में दलितों की ज़मीन भू-माफ़ियाओं द्वारा छीनी जा रही है और उनका शोषण किया जा रहा है. द वायर ने दलित समुदाय के इन लोगों से बात की, जिनका कहना है कि पुलिस-प्रशासन भू-माफ़िया को रोकने में असमर्थ हैं.
उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से कहा गया है कि भारत सरकार ने फ़ैज़ाबाद रेलवे जंक्शन का नाम अयोध्या कैंट करने के निर्णय पर सहमति दे दी है. इस पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोटिफिकेशन जारी करने के लिए अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है. इससे पहले योगी सरकार ने वर्ष 2018 में फ़ैज़ाबाद जिला और मंडल का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया था.
उत्तर प्रदेश के खेल मंत्री उपेंद्र तिवारी का यह बयान ऐसे वक़्त में आया है जब देश के अधिकतर हिस्सों में पेट्रोल के दाम सौ रुपये प्रति लीटर को पार कर गए हैं. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस बयान पर तंज़ कसते हुए कहा कि ‘अब मंत्रीजी को भी पेट्रोल की ज़रूरत नहीं पड़ेगी क्योंकि जनता उन्हें पैदल कर देगी.’
दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा में मारे गए एक भाजपा कार्यकर्ता शुभम मिश्रा के घर जाने पर सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव को एक महीने के लिए निलंबित कर दिया है. योगेंद्र यादव ने कहा कि शुभम मिश्रा के परिवार से मिलने के लिए उन्हें कोई अफसोस नहीं है. यादव किसान मोर्चा की कोर समिति के सदस्य रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट को राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से बताया गया था कि न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 44 में से चार गवाहों के बयान दर्ज कर लिए हैं. इस पर मुख्य न्यायाधीश ने सवाल किया था कि आपने 44 गवाहों में से सिर्फ़ चार के ही बयान क्यों दर्ज किए हैं, बाकी के क्यों नहीं? बीते तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी से सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ ने किसान आंदोलन को लेकर धमकी दी थी. उनके ख़िलाफ़ तीन अक्टूबर को किसानों ने उनके पैतृक गांव बनबीरपुर में आयोजित एक समारोह में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के जाने का विरोध किया था. आरोप है कि इस दौरान उनके बेटे आशीष मिश्रा ने अपनी गाड़ी से कुचलकर चार किसानों की हत्या कर दी थी. केंद्रीय मंत्री का आपराधिक इतिहास रहा है.
बीते तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी ज़िले में प्रदर्शन कर रहे किसानों के समूह पर कथित तौर पर वाहन चढ़ा दिए जाने के बाद चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत के मामले में भाजपा कार्यकर्ता सुमित जायसवाल, शिशुपाल, सत्यप्रकाश त्रिपाठी और नंदन सिंह बिष्ट को पुलिस ने गिरफ़्तार किया है. इस मामले में अब तक 10 लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है.
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के संबंध में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने तथा गिरफ़्तार करने की मांग को लेकर किसानों ने ‘रेल रोको’ आंदोलन के तहत प्रदर्शन किया. लखीमपुर खीरी में मौजूदा हालात को देखते हुए कृषि क़ानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने यहां आंदोलन रद्द कर दिया था.
उत्तर प्रदेश भाजपा कार्य समिति के सदस्य और पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के कुछ दिन पहले केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के दिए गए धमकी भरे बयान ने ही आग में घी का काम किया है.
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा लखीमपुर खीरी मामले की जांच को प्रभावित कर रहे हैं. जिस तरह से मामले की जांच हो रही है उससे हम पूरी तरह असंतुष्ट हैं. लखीमपुर में बीते तीन अक्टूबर को किसानों के प्रदर्शन के दौरान कार चढ़ा देने से चार किसानों की मौत हो गई थी. इस मामले में अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा मुख्य आरोपी हैं.