मई के आख़िरी सप्ताह में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना मरीजों पर हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के परीक्षण पर रोक लगाई थी. अब मेडिकल जर्नल द लांसेट द्वारा उसके कोविड-19 के इलाज में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के लाभों पर सवाल उठाने वाले अध्ययन पर चिंता जताए जाने के बाद यह क़दम उठाया गया है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक ने कहा कि मेडिकल जर्नल द लैंसेट में पिछले सप्ताह प्रकाशित एक अध्ययन में दिखाया गया था कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन लेने वाले लोगों में इसे न लेने वाले लोगों की तुलना में हृदय की समस्याओं और मौत का अधिक खतरा है.
मेडिकल जर्नल द लैंसेट में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि कोविड-19 मरीजों पर मलेरिया रोधी क्लोरोक्वीन या हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवाओं का इस्तेमाल क्लिनिकल ट्रायल्स के अलावा नहीं किया जाना चाहिए. इससे हृदय संबंधी परेशानियों के साथ मौत का खतरा भी बढ़ जाता है.
कोविड-19 मरीजों के उपचार में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के उपयोग को जोर-शोर से बढ़ावा देने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह इन रिपोर्टों पर गौर करेंगे.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन की फंडिंग रोकने पर बिल गेट्स और माइकल ब्लूमबर्ग जैसे परोपकारियों ने यूरोपीय और अफ्रीकी नेताओं तथा स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ सुर में सुर मिलाते हुए डब्लयूएचओ का पक्ष लिया और जोर दिया कि अमेरिका को संकट के समय में वित्त पोषण रोकना नहीं चाहिए.
विश्व स्वास्थ्य संगठन को दी जाने वाली सालाना 50 करोड़ डॉलर तक की अमेरिकी धनराशि को रोकने की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की घोषणा पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि यह समय डब्ल्यूएचओ के संसाधनों में कटौती करने का नहीं है.
अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी खबर में खुलासा किया गया है कि खुफिया विभाग, राष्ट्रीय सुरक्षा सहायकों और सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने आने वाली महामारी और उसके परिणामों के बारे में चेतावनी दी थी लेकिन ट्रंप इस संकट को कमतर आंकते रहे.
कोरोना वायरस पर व्हाइट हाउस में अपने नियमित संवाददाता सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘उन्हें बड़े फायदे मिलते हैं क्योंकि वे विकासशील देश हैं. भारत एक विकासशील देश है. अमेरिका बड़ा विकसित देश है. हालांकि हमें भी कई विकास कार्य करने हैं.’
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आरोप लगाया कि डब्ल्यूएचओ ने कोरोना वायरस महामारी को लेकर अमेरिका को सही सलाह नहीं दी. इस पर डब्ल्यूएचओ ने कहा कि इस स्थिति का राजनीतिकरण न किया जाए और नेताओं को कोविड-19 से प्रभावित लोगों को बचाने पर ध्यान देना चाहिए.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद मोदी से ‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन’ दवाई की खेप अमेरिका भेजने की अनुमति देने के लिए कहा था. भारत द्वारा इसकी बढ़ती मांग के चलते निर्यात पर रोक थी. सोमवार को राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि अगर भारत ने ये दवा नहीं दी, तो यक़ीनन उन्हें इसके नतीजे भुगतने होंगे.
कोरोना वायरस से दुनियाभर में संक्रमित लोगों की संख्या सात लाख का आंकड़ा पार कर गई है और 33,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का कहना है कि देश में कोरोना से मृत्यु दर में भारी इजाफे की संभावनाओं की वजह से सोशल डिस्टेंसिंग दिशानिर्देशों को आगे बढ़ा दिया है. यह अब 30 अप्रैल तक जारी रहेगी.