30 बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया. फिलहाल सभी बच्चों की हालत खतरे से बाहर होने की ख़बर.
भारतीय चिकित्सा परिषद ने डॉक्टरों को पर्ची पर दवाओं के नाम स्पष्ट और बड़े अक्षरों में लिखने की निर्देश दिया.
'मेरे भाई ने अस्पताल के दरवाज़े पर दम तोड़ दिया क्योंकि बिस्तर नहीं था. ये लोकतंत्र नहीं मुर्दातंत्र है, जिसमें लैपटॉप मिलता है, दंगा मिलता है, इंटरनेट मिलता है पर इलाज नहीं मिलता!'