देश में कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच आधार कार्ड के अभाव में इलाज, दवा या अन्य आवश्यक सेवाएं न मिलने की ख़बरों के बीच यूआईडीएआई ने कहा है कि यदि किसी के पास किसी कारण से आधार कार्ड नहीं है तब भी उसे आधार अधिनियम 2016 की धारा 7 के तहत सेवा प्रदान करने से इनकार नहीं किया जा सकता.
सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश के नेतृत्व वाली पीठ ने कहा कि इसे विरोधात्मक मामले के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए, क्योंकि यह बहुत गंभीर मामला है. हम इस पर सुनवाई करेंगे. केंद्र और राज्यों को नोटिस जारी किए जाएं, जिन पर चार सप्ताह में जवाब दिया जाए.
आंकड़ों के अनुसार, 27 जनवरी तक 30.75 करोड़ पैन आधार से जोड़े जा चुके हैं. अब 17.58 करोड़ पैन को आधार से जोड़ना बाकी है.
हैदराबाद के एक ऑटो चालक मोहम्मद सत्तार खान के बचाव में सामने आने वाले वकीलों के समूह ने दावा किया कि यूआईडीएआई ने एक हजार से अधिक लोगों को ऐसा ही नोटिस भेजा है. हालांकि, यूआईडीएआई ने कहा कि आधार का नागरिकता से कोई लेना-देना नहीं है और ये नोटिस झूठे दस्तावेजों के कारण भेजे गए हैं.
झारखंड के सिमडेगा में साल 2017 में संतोषी नाम की 11 साल की एक बच्ची की भूख की वजह से मौत हो गई थी. इस बच्ची की मां और बहन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. परिवार का कहना है कि आधार से राशन कार्ड के लिंक नहीं होने की वजह से उनके परिवार को राशन नहीं दिया गया था.
संगठन ने आयोजकों से कहा कि गैर-हिंदुओं का पता लगाने और उन्हें रोकने के लिए प्रवेश स्थल पर आधार कार्ड अनिवार्य करें.
ग्राउंड रिपोर्ट: उत्तर प्रदेश में गौतम बुद्ध नगर ज़िले के दादरी स्थित गौतमपुरी इलाके की एक गली का नाम ‘पाकिस्तानी वाली गली’ होने वजह से यहां रह रहे लोगों को परेशानी और अपमान का सामना करना पड़ रहा है. लोगों को कहना है कि इस नाम की वजह से उन्हें जल्दी कहीं काम नहीं मिलता और स्कूल बच्चों को दाख़िला देने में भी आनाकानी करते हैं.
ठाणे पुलिस का कहना है कि ये आधार कार्ड 2015 से पहले के बने हुए हैं और इन पर 2013 से 2015 की डाक टिकटें लगी हैं. इनका अब पाया जाना सवाल खड़े करता है.
एसबीआई अधिकारियों ने कहा कि यूआईडीएआई की सुरक्षा प्रणाली में कई खामी है, जो हैक करने और कई स्टेशन आईडी बनाने को संभव बनाती है. हमने प्राधिकरण से अपील की है कि वे हमारे साथ अपने सिस्टम को अधिक पारदर्शी बनाने और डेटाबेस को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए काम करें.
झारखंड में पिछले साल हुई 11 साल की संतोषी कुमारी की मौत के एक साल बाद सामाजिक कार्यकर्ताओं ने 2015 के बाद से कथित भूख से हुई मौतों की एक सूची जारी की है.
उत्तर प्रदेश के हरदोई ज़िले का मामला. सीएमओ ने कहा कि ऐसा कोई मामला संज्ञान में नहीं है. मामले का पता लगाकर जांच कराई जाएगी, जो भी दोषी होगा उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी.
यूआईडीएआई ने इसके साथ चेतावनी भी दी कि अगर बच्चों को आधार के बिना दाखिला देने से मना किया जाता है तो वह कानून के तहत अवैध होगा और ऐसा करने की अनुमति नहीं है.
सरकार ने पेंशनधारियों की पहचान करने के लिए उनके अकाउंट को आधार से लिंक कराने का आदेश दिया था. तीन लाख लोगों ने इसका पालन नहीं किया, जिसके चलते पेंशन रोक दी गई है.
प्रदेश के मदरसों में पढ़ रहे हज़ार से ज़्यादा नेपाली बच्चे आधार कार्ड की अनिर्वायता और मदरसा बोर्ड द्वारा दूसरा विकल्प न देने की वजह से आने वाली परीक्षा में नहीं बैठ सकेंगे.
आधार क़ानून को एक धन-विधेयक के तौर पर पारित किया गया था और इसका संबंध सिर्फ़ भारत की संचित निधि से जुड़ी चीज़ों से होना चाहिए. लेकिन, क्या कोई व्यवस्था के भीतर इस बात पर ध्यान देता है?