उत्तर प्रदेश के फ़िराज़ाबाद के एक कॉलेज में इतिहास विभाग के प्रमुख प्रोफ़ेसर शहरयार अली पर केंद्रीय कपड़ा और महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट लिखने का आरोप लगा है. उनके वकील का कहना है कि प्रोफ़ेसर को शिकायतकर्ता ने ग़लत तरीके से फंसाया है, जो भाजपा का ज़िला मंत्री है.
आरोप है कि मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब के ख़िलाफ़ सात अप्रैल को फेसबुक पर दो लोगों ने आपत्तिजनक पोस्ट की थी, जिसके बाद उन्हें अगले दिन गिरफ़्तार कर लिया गया था. इससे पहले भी मुख्यमंत्री के खिलाफ पोस्ट करने वाले कई लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है.
गुजरात के आणंद का मामला. आरोप है कि खंभात की शान नाम से फेसबुक पेज चलाने वाले शख़्स ने किसान आंदोलन के समर्थन में प्रधानमंत्री नरेंद्र के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक पोस्ट की और लोगों को भड़काने का काम किया.
लखनऊ की सत्र अदालत द्वारा ज़मानत याचिका खारिज़ किए जाने के बाद प्रशांत कनौजिया ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया था. प्रशांत को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा एक कथित आपत्तिजनक ट्वीट के लिए 18 अगस्त को दिल्ली में उनके घर से गिरफ़्तार किया गया था.
पत्रकार प्रशांत कनौजिया को एक ट्वीट के चलते 18 अगस्त को यूपी पुलिस ने गिरफ़्तार किया था. सोमवार को यूपी सरकार ने हाईकोर्ट में दायर उनकी ज़मानत याचिका पर जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा है, जिसके लिए अदालत ने अनुमति दे दी है.
यूपी पुलिस द्वारा दूसरी बार प्रशांत कनौजिया को गिरफ़्तार किया गया है. उन पर हिंदू आर्मी के नेता की पोस्ट से छेड़छाड़ कर प्रसारित करने के आरोप में आईपीसी की नौ धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिनमें अधिकतम सात साल तक क़ैद की सज़ा दी जा सकती है.
वीडियो: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर कथित आपत्तिजनक पोस्ट लिखने के कारण गिरफ़्तार हुए पत्रकार प्रशांत कनौजिया से सृष्टि श्रीवास्तव की बातचीत.
गिरफ़्तार किए गए युवक पर आरोप है कि उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में दावा किया था कि मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब का निजी जीवन ठीक नहीं चल रहा है और उनकी पत्नी ने तलाक़ लेने के लिए अदालत में याचिका दायर की है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ख़िलाफ़ कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों के लिए हुई गिरफ़्तारियां विभिन्न राज्यों की सरकारों द्वारा आम लोगों की आवाज़ दबाने के लिए क़ानून के दुरुपयोग के पैटर्न का ही हिस्सा है.
सोशल मीडिया पर अपलोड किए गए एक वीडियो में दो युवक कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और उनके परिवार को कथित तौर पर गाली देते हुए नज़र आए थे.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के ख़िलाफ़ कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों को लेकर तीन पत्रकारों को गिरफ़्तार करने पर राहुल गांधी ने कहा कि योगी आदित्यनाथ मूर्खतापूर्ण व्यवहार कर रहे हैं. पत्रकारों को तत्काल रिहा किया जाए.
स्वतंत्र पत्रकार प्रशांत कनौजिया को रिहा करने का आदेश देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'नागरिक की स्वतंत्रता पवित्र है और इससे समझौता नहीं किया जा सकता है. इसे संविधान द्वारा सुनिश्चित किया गया है और इसका उल्लंघन नहीं किया जा सकता है.'
हालिया गिरफ़्तारी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से हुई है. यहां पर पीर मोहम्मद और राम प्रसाद नाम नाम के दो लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.
जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस अजय रस्तोगी की पीठ स्वतंत्र पत्रकार प्रशांत कनौजिया की पत्नी जगीशा अरोड़ा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करेगी.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने शनिवार को तीन पत्रकारों प्रशांत कनौजिया, इशिका सिंह और अनुज शुक्ला को गिरफ़्तार किया है.