बीते जून में एक पत्रकार ने सोशल मीडिया पर आरोप लगाया था कि नोटबंदी के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को लाभ पहुंचाने के लिए झारखंड के एक शख़्स ने एक सेवानिवृत्त प्रोफेसर और उनकी पत्नी के खाते में पैसे जमा कराए थे. हाईकोर्ट ने इस संबंध में पत्रकार के ख़िलाफ़ दर्ज एफआईआर भी रद्द कर दी है.