ग्राउंड रिपोर्ट: मुज़फ़्फ़रपुर ज़िले के कांटी में बना एनटीपीसी का थर्मल पावर प्लांट स्थानीयों के लिए नौकरियों और विकास के सपनों के साथ शुरू हुआ था, लेकिन आज आजीविका की जद्दोजहद में लगे स्थानीय लोग प्लांट से निकल रही ज़हरीली गैस और राख़ के चलते रोगों से घिरे हैं, जिनकी सुनने वाला भी कोई नहीं है.
रिहंद सरोवर में औद्योगिक कचरा डाले जाने के कारण मध्य प्रदेश के सिंगरौली स्थित इस परियोजना के ख़िलाफ़ याचिका दायर की गई है. कहा गया है कि इस साल अप्रैल में ऐश डैम टूटने से संयंत्र से निकलने वाली राख आसपास के खेतों में फैल गई. इससे कथित तौर पर छह ग्रामीणों की मौत हो गई, जिसमें तीन नाबालिग भी शामिल थे.
फ्लाई ऐश में भारी धातु जैसे आर्सेनिक, सिलिका, एल्युमिना, पारा और आयरन होते हैं, जो दमा, फेफड़े में तकलीफ, टीबी और यहां तक कि कैंसर तक का कारण बनते हैं.
ईडी आईएलएंडएफएस समूह द्वारा मुंबई की कोहिनूर सीटीएनएल कंपनी को दिए गए एक क़र्ज़ और निवेश की जांच कर रही है. राज ठाकरे की मातोश्री कंस्ट्रक्शन ने इस कंपनी के मालिक के साथ मिलकर एक बोली लगाई थी. मनसे ने कहा, 'यह बदले की राजनीति का उदाहरण.'
क्या लोकपाल सर्च कमेटी की अध्यक्ष जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई को उन्हें कमेटी से हटा नहीं देना चाहिए या अरुंधति भट्टाचार्य को ख़ुद से इस्तीफ़ा नहीं देना चाहिए?
ग्राउंड रिपोर्ट: नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन के कहलगांव स्थित थर्मल पावर प्लांट से निकलने वाली राख से आसपास के गांवों में रहने वाले लोग पिछले कई सालों से दमा, टीबी और फेफड़ों के संक्रमण जैसी बीमारियों से जूझ रहे हैं.
घर में गोमांस रखने के आरोप में दादरी के बिसाहड़ा गांव में 2015 में मोहम्मद अख़लाक़ की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी.